मासिक धर्म यानी पीरियड्स को लेकर हमारे देश में आज भी लोग खुलकर बात नहीं करते। अभी भी देश में कुछ वर्ग ऐसे है जो पीरियड्स के बार में कुछ नहीं जानते। तो वहीं कुछ ऐसे भी लोग है जो घर में लड़कियों के पहले पीरियड्स पर जश्न मनाते है। ऐसा ही एक किस्सा काशीपुर से आ रहा है। जहा परिवार ने बेटी के पहले मासिक धर्म की ख़ुशी में जश्न मनाया।
उत्तराखंड के काशीपुर से शुरू हुई नई पहल
पुराने समय में मासिक धर्म को लेकर बिलकुल भी बात नहीं होती थी। लड़कियों को पीरियड्स के समय कई सारी बंदिशे लगा दी जाती थी। लेकिन अब समय काफी बदल गया है।
21 वीं सदी में पहले के मुकाबले लोग इस विषय पर खुलकर बात करने लग गए है। उत्तराखंड के काशीपुर से एक नई पहल शुरू हुई है। जहां परिवार वालों ने बेटी के पहले पीरियड्स का जश्न मनाया
परिवार ने बेटी के मासिक धर्म शुरू होने पर मनाया जश्न
काशीपुर के रहने वाले जितेंद्र भट्ट ने एक मिसाल कायम की है। उन्होंने अपनी बेटी रागिनी के मासिक धर्म शुरू होने पर जश्न मनाया। उन्होंने केक काटकर बेटी के पहले पीरियड्स को सेलिब्रेट किया।
बेटी के लिए भी भट्ट परिवार ने इस पल को यादगार बना दिया। जीतेन्द्र भट्ट ने सोशल मीडिया पर तस्वीर साझा की। जिसमें उन्होंने कैप्शन लिखा बेटी बड़ी हो गई। बेटी रागिनी को periods (मासिक धर्म) शुरू होने की ख़ुशी को आज उत्सव की तरह मनाया। हैप्पी पीरियड्स रागिनी ।
कई जगहों पर मनाया जाता है जश्न
हमारे देश में कई जगहों पर बेटी के पहले मासिक धर्म का जश्न मनाया जाता है। दक्षिण भारत में पीरियड्स पर काफी अच्छी प्रथा है। तमिल में कुछ परिवार लड़की के पहले पीरियड्स के समय उसे एकांत में नहलाते है।
जिसके बाद उसे खाने के लिए पौष्टिक आहार दिए जाते है। फिर रिस्तेदार लड़की की पूजा करते है। लड़की को इस समय तौफे दिए जाते है। पूजा के दौरान उसे साड़ी पहनाते है।