उत्तराखंड
मुज़फ्फरनगर के मैडिकल कॉलेज से बांटी जा रही थी फर्जी डॉक्टरी की डिग्री
Shantanu Roy
13 Jan 2023 10:08 AM GMT
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बड़ी खबर
देहरादून। उत्तराखण्ड एसटीएफ फर्जी आयुर्वेदिक डिग्री वाले चिकित्सकों पर शिकंजा कस रही है। एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बुधवार को बताया कि गत एक माह से एसटीएफ उत्तराखण्ड में प्रैक्टिस कर रहे बीएएमएस की फर्जी डिग्री वाले आयुर्वेदिक चिकित्सकों के सम्बन्ध में जांच की जा रही थी। प्रारम्भिक जांच में पाया कि बीएएमएस की फर्जी डिग्री लेकर राज्य में कई आयुर्वेदिक चिकित्सक अपना अस्पताल चला रहे हैं।इस सम्बन्ध में मुज़फ्फरनगर के मैडिकल कॉलेज का मालिक गिरफ्तार कर लिया गया है। एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि प्रारम्भिक जांच में कई आयुर्वेदिक डॉक्टरों का फर्जीवाड़ा पाया गया। करीब 36 डॉक्टरों को चिन्हित कर उनके संबंध में संबंधित चिकित्सा बोर्ड से सूचना मांगी गई तो ज्यादातर फर्जी आयुर्वेदिक चिकित्सकों की डिग्री राजीव गांधी हेल्थ एण्ड साइंस यूर्निवसिटी कर्नाटक की पायी गयी जो पूर्णतया फर्जी बनी हुई थी, जिन्हें बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज मुजफ्फरनगर के मालिक इमरान और इमलाख ने तैयार करायी थी।
एसटीएफ ने आयुर्वेदिक चिकित्सक प्रीतम सिंह और मनीष अली को गिरफ्तार किया है। इनकी बीएएमएस की मूल डिग्री फर्जी पाई गई। दोनों की मूल डिग्री को बरामद कर लिया गया है। जांच में दोनों चिकित्सक ने फर्जी डिग्री के आधार पर भारतीय चिकित्सा परिषद, उत्तराखंड में रजिस्ट्रेशन करके क्रमश: प्रेमनगर और रायपुर में अपने अपने क्लीनिक खोल कर चिकित्सा कर रहे हैं। आरोपितों ने पूछताछ में बताया गया कि उन्होंने 80,0000 रुपये में बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज मुजफ्फरनगर के मालिक/चेयरमैन इमलाख और इमरान निवासी मुजफ्फरनगर से डिग्री प्राप्त की है। इमलाख कोतवाली मुजफ्फरनगर का कुख्यात हिस्ट्रीशीटर है। इसके द्वारा अपने भाई इमरान के साथ बरला थाना क्षेत्र मुजफ्फरनगर में बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज के नाम से मैडिकल डिग्री कॉलेज भी खोला हुआ है जो बीफार्मा,बीए, बीएससी, आदि के कोर्स संचालित करता है।
एसटीएफ की दूसरी टीम ने बाबा मेडिकल कॉलेज मुजफ्फरनगर में दबिश देकर इमरान निवासी शेरपुर मुजफ्फरनगर को कॉलेज से ही गिरफ्तार किया, जिसके कब्जे से एसटीएफ को कई राज्यों की यूनिवर्सिटियों की फर्जी ब्लैंक डिग्रियां, फर्जी मुद्राएं एवं फर्जी पेपर एवं कई अन्य कूट रचित दस्तावेज बरामद हुए हैं। इमरान ने पूछताछ के दौरान उत्तराखंड और कई अन्य राज्यों में सैकड़ों डॉक्टरों को इस तरह की फर्जी डिग्री लाखों रुपये लेकर देने की बात बताई है। एसटीएफ टीम की दबिश की सूचना प्राप्त होते ही इमरान का भाई इमलाख फरार हो गया, जिसकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। एसटीएफ की जांच में पाये गये करीब 36 फर्जी आयुर्वेदिक चिकित्सकों के साथ साथ इस गिरोह के संचालक इमराम और इमलाख के विरुद्ध उपनिरीक्षक दिलबर सिंह नेगी की तहरीर के आधार पर नेहरू कॉलोनी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपित चिकित्सक प्रीतम सिंह के साथ-साथ मुनीष अली, इमरान को गिरफ्तार कर उनके पास से 102 ब्लैंक (खाली ) डिग्री एक जारी डिग्री समेत अन्य सामान बरामद किया गया। इमरान और इम्लाख में से इमलाख बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज, मुजफ्फरनगर का स्वामी है। इसके विरुद्ध फर्जी डिग्री दिलवाने के कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसे यूपी का सबसे बड़ा शिक्षा माफिया कहा जाता है। पुलिस टीम में अपर पुलिस अधीक्षक चंद्र मोहन सिंह, पुलिस उपाधीक्षक नरेंद्र पंत, निरीक्षक अबुल कलाम उप निरीक्षक यादवेंद्र बाजवा, उप निरीक्षक नरोत्तम बिष्ट, उपनिरीक्षक दिलबर सिंह नेगी समेत अन्य लोग टीम में शामिल हैं।
Shantanu Roy
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