उत्तराखंड में पर्यटकों के बढ़ते दबाव और विभिन्न निर्माण कार्यों को लेकर जताई चिंता
देहरादून न्यूज़: उत्तराखंड के पारिस्थितिकीय दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में पर्यावरणीय क्लीयरेंस देने में सतर्कता बरती जाए. जोशीमठ-धनोल्टी व मसूरी जैसे क्षेत्रों में खास ख्याल रखा जाए. पर्यावरण, वन, जलवायु परिवर्तन, विज्ञान और तकनीकी विभाग की संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह जिक्र किया है.
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य जयराम रमेश की अध्यक्षता वाली इस समिति ने कुछ समय पूर्व ही केंद्र सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी. यह भी कहा गया कि उत्तराखंड में पर्यावरणीय नियमों के उल्लंघन की शिकायतों के निस्तारण और उल्लंघन करने वालों पर भी कार्रवाई बढ़ाई जाए. रिपोर्ट में कहा गया कि पारिस्थितिकीय दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में पर्यटकों का दबाव बढ़ रहा है. वहां पर्यावरणीय संसाधनों का अत्यधिक दोहन हो रहा है, जो चिंताजनक है. यह भी कहा गया कि इन क्षेत्रों में धड़ल्ले से अवैध तरीके से होटल-रेस्टोरेंट, गेस्ट हाउस, रिजॉर्ट, होमस्टे बन रहे हैं. इस समिति ने स्थानीय विभागों और प्रशासन के साथ मिलकर ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाने की सिफारिश की है. साथ ही, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को उत्तराखंड से आयी इस तरह की शिकायतों के त्वरित निस्तारण की भी सिफारिश की.