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नैनीताल। उत्तराखंड में नगर निकायों की लेखापरीक्षा यानी कैग रिपोर्ट में गड़बड़ी सामने आई है। यहां पर बिना काम 40 लाख का खर्च दिखाया गया। नगर निकायों की लेखापरीक्षा में विभिन्न तरह की वित्तीय गड़बड़ी पकड़ी गई हैं। नगर पालिका परिषद नैनीताल ने बिना काम के 40 लाख रुपये का न सिर्फ खर्च दिखा दिया, बल्कि काम की दूसरी किश्त की मांग भी कर डाली है। दरअसल नगर पालिका नैनीताल को दुर्गा शाह नगर पालिका पुस्तकालय के नवीनीकरण के लिए नवंबर 2015 में 56.41 लाख रुपये स्वीकृत किए गए थे। प्रथम किश्त के रूप में 40 लाख रुपये जारी कर दिए गए थे। नगर पालिका परिषद ने अप्रैल 2016 में पूरी राशि खर्च करने का जिक्र करते हुए इसका उपयोगिता प्रमाण पत्र जारी कर दिया था मगर काम नहीं हुआ। इसके साथ ही दूसरी किश्त की राशि की मांग भी कर डाली।
जब यह गड़बड़ पकड़ में आई तो अधिकारियों ने बचने के लिए यह कह दिया कि उपयोगिता प्रमाण पत्र गलती से जारी किया गया है। तो वहीं दूसरी तरफ नैनीताल में ही 9.31 लाख रुपये की गड़बड़ का एक और मामला भी पकड़ में आया है। जवाहर लाल नेहरू शहरी नवीकरण मिशन के तहत 9.31 लाख रुपये से साफ सफाई रखने के लिए और घर-घर से कूड़ा उठाने के लिए दो वाहन खरीदे गए थे। ताकि इनका प्रयोग घर-घर कूड़ा उठान से लेकर उसे लैंडफिल साइट में डालने में किया जा सके। यह वाहन जून 2013 में खरीदे गए थे, जबकि लेखापरीक्षा में इनका कोई उपयोग नहीं पाया गया। लेखापरीक्षा टीम की रिपोर्ट के मुताबिक, वाहन खरीद के पांच साल बाद भी एक किलोमीटर तक भी उपयोग नहीं किया गया था। वर्तमान में दोनों वाहन जर्जर और खराब हालत में हैं। यह बात भी सामने आई कि लैंडफिल साइट की अनुपलब्धता के चलते वाहनों का प्रयोग ही नहीं किया जा सका। वहीं लेखापरीक्षा टीम ने यह भी पाया कि विभिन्न नगर निकाय ठोस अपशिष्ट नियमावली का अनुपालन नहीं कर रहे हैं। विशेषकर 11 नगर निकायों में लेखापरीक्षा के दौरान 153 मीट्रिक टन कचरा बिना किसी विज्ञानी पृथक्करण के एकत्रित किया जाता पाया गया।
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