उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी सिद्धू को पेड़ों के अवैध कटान के मामले में हाईकोर्ट से मिली राहत
देवभूमि देहरादून न्यूज़: राजपुर रोड पर भूखंड पर 25 पेड़ के अवैध कटान के मामले में उत्तराखंड के पूर्व पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू को हाई कोर्ट से राहत मिली है। हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर स्टे दे दिया है। हाई कोर्ट ने बीएस सिद्धू के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिया अरेस्टिंग स्टे देते हुए अग्रिम आदेशों तक के लिए गिरफ्तारी पर लगी रोक लगा दी है। शुक्रवार को उच्च न्यायालय में हुई सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने दिया स्टे का आदेश। अदालत ने साथ ही जांच में सहयोग करने के दिए निर्देश भी दिये। साथ ही सरकार से भी जवाब तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 16 नवंबर को होगी। वन भूमि पर कब्जा करने व अवैध रूप से पेड़ काटने के आरोप में पूर्व पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू पर 2013 में भी मुकदमा हुआ था। जो विचाराधीन है और फिर उसी मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है। सरकार से एक आरोप में दो बार मुकदमा दर्ज करने पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है।
वहीं सिद्धु ने कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि नियमानुसार एक आरोप के लिये दो मुकदमे दर्ज नहीं किये जा सकते। उन्होंने याचिका में कहा है कि 23 अक्टूबर को उनके विरुद्ध दर्ज मुकदमे को निरस्त किया जाय। याचिका पर आज कोर्ट मे सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय मिश्रा की एकलपीठ में हुई। इस मामले में पूर्व डीजीपी सिद्धू का कहना है कि शासन को गुमराह करके दस साल बाद उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया है। जबकि यह मामला पहले से ही अदालत में विचाराधीन है। पूर्व डीजीपी ने इसे अपने खिलाफ साजिश बताई थी। कहा था कि दस सालों में वन विभाग उनके खिलाफ कोई सबूत तक नहीं जुटा पाया है।