ऋषिकेश न्यूज़: एम्स ऋषिकेश में फार्माकोलाजी विभाग के तत्वाधान में दो दिवसीय कॉन्फ्रेन्स के पहले दिन देश भर से आये फार्मा विशेषज्ञों ने एविडेन्स बेस्ड मेडिसिन को अपनाने पर जोर दिया.
स्वास्थ्य के क्षेत्र में साक्ष्य आधारित दवा के उपयोग को बढ़ावा देने और दवाओं के दुष्प्रभावों को न्यूनतम करने के उद्देश्य से देशभर के फार्माकोलाजिस्ट एम्स ऋषिकेश में जुटे हैं. मेडिकल सेफ्टी इन एन एरा आफ एविडेन्स बेस्ड मेडिसिन विषय पर आधारित इस सम्मेलन का उद्घाटन एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने किया. उन्होंने एविडेन्स बेस्ड मेडिसिन को प्रैक्टिस में लाने की आवश्यकता बतायी. उन्होंने कहा कि इलाज के दौरान हमें दवाओं के प्रभावों को ही नहीं, अपितु उसके दुष्प्रभावों को भी ध्यान में रखना होगा. आईसीएमआर के पूर्व महानिदेशक और एम्स दिल्ली के प्रो. बलराम भार्गव ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में हम वर्ष 1948 तक विदेशों की मदद पर निर्भर थे. वर्तमान में हम अपने देश में तैयार की जाने वाली दवाओं को विश्वभर में निर्यात कर रहे हैं. सम्मेलन के आयोजन अध्यक्ष प्रो. शैलेन्द्र हाण्डू ने कहा कि सम्मेलन में एविडेन्स बेस्ड मेडिसिन पर जोर दिया. सम्मेलन में डॉ. मनीषा बिष्ट, डॉ. रेनू गुलवानी, प्रो. रतिन्द्र झाज, डॉ. शम्भू एस समझदार, डॉ. रोहित गुप्ता, डॉ. आनन्द आदि ने विचार रखे.
बदरीनाथ में रोज आ रहे 14 हजार यात्री
बदरीनाथ में अब मौसम अनुकूल होने से बदरीनाथ में भगवान के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु बदरीनाथ पहुंच कर भगवान बदरी विशाल के दर्शन के कर रहे हैं.
बदरीनाथ में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान बदरी विशाल के दर्शन के लिए पहुंचे. शाम तक 1 लाख 60 हजार 507 यात्री बदरीनाथ पहुंचे. बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डाक्टर हरीश गौड़ ने बताया पिछले दो तीन दिनों से बदरीनाथ में प्रतिदिन 14 हजार से अधिक यात्री बदरीनाथ में भगवान बदरी विशाल के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं.