उत्तराखंड

उत्तराखंड में बिजली फिर देंगी महंगाई का झटका, 12.5 फीसदी तक बढ़ाने की तैयारी

Renuka Sahu
11 May 2022 5:35 AM GMT
Electricity will again give a shock of inflation in Uttarakhand, preparations to increase it by 12.5 percent
x

फाइल फोटो 

उत्तराखंड में नए सिरे से बिजली की दरें बढ़ाने का प्रस्ताव यूपीसीएल की बोर्ड बैठक से पास कर दिया गया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तराखंड में नए सिरे से बिजली की दरें बढ़ाने का प्रस्ताव यूपीसीएल की बोर्ड बैठक से पास कर दिया गया है। बोर्ड ने बिजली दरों में साढ़े 12 प्रतिशत इजाफा किए जाने का प्रस्ताव मंजूर किया। इस प्रस्ताव पर यदि विद्युत नियामक आयोग की भी मुहर लगती है, तो बिजली उपभोक्ताओं पर प्रति यूनिट 70 पैसे प्रति यूनिट तक का अतिरिक्त भार पड़ेगा।

बाजार से महंगी बिजली खरीदने के कारण यूपीसीएल पर हर महीने 300 करोड़ रुपये से अधिक का वित्तीय भार पड़ रहा है। इस अतिरिक्त वित्तीय भार के कारण मार्च, अप्रैल महीने में ही यूपीसीएल की हालत खस्ता हो गई है। अभी कई और महीने ये दिक्कत कायम रहेगी। क्योंकि यूपीसीएल को गैस से छह रुपये प्रति यूनिट की दर से मिलने वाली 7.5 मिलियन यूनिट गैस की बिजली नहीं मिल पा रही है।
कोल और गैस की कमी के कारण बाजार में भी बिजली के रेट उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं। चार से पांच रुपये प्रति यूनिट में बाजार से आसानी से मिलने वाली 12 रुपये प्रति यूनिट पर भी नहीं मिल रही है। इसी को आधार बनाते हुए यूपीसीएल ने बोर्ड में दरें बढ़ाने का प्रस्ताव रखा।
इस पर बोर्ड के सभी सदस्यों ने मुहर लगाते हुए प्रस्ताव पास किया। अब इस प्रस्ताव को विद्युत नियामक आयोग को भेजा जाएगा। आयोग के स्तर पर इस प्रस्ताव पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। यूपीसीएल की ओर से बोर्ड बैठक का आयोजन ऑनलाइन किया गया।
हर महीने 140 रुपये तक का पड़ेगा असर
यूपीसीएल ने बिजली दरों में साढ़े 12 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव रखा है। इससे 70 पैसे प्रति यूनिट का भार उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। महीने में 200 यूनिट तक बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं पर 140 रुपये महीने तक का अतिरिक्त भार पड़ेगा। यूपीसीएल ने सितंबर महीने तक 944 करोड़ रुपये के पड़ने वाले अतिरिक्त भार की भरपाई को ये प्रस्ताव आयोग को भेजा है।
सरकार से लगा झटका
यूपीसीएल को सरकार की ओर से भी वित्तीय सहायता मिलती नजर नहीं आ रही है। महंगी बिजली खरीद सस्ती दरों पर जनता को उपलब्ध कराने से यूपीसीएल पर आर्थिक बोझ पड़ रहा है। इस बोझ की भरपाई को सरकार से 350 करोड़ की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने की मांग की गई थी। शासन के सूत्रों के अनुसार वित्त विभाग ने इस पर आपत्ति लगा दी है। यूपीसीएल को बाजार से लोन लेने की सलाह दी गई है।
विद्युत नियामक आयोग को प्रस्ताव भेजा जा रहा है। प्रस्ताव बोर्ड से पास हो गया है। इसे जल्द आयोग को भेज दिया जाएगा। आयोग से अपील की जाएगी कि इस प्रस्ताव को मंजूरी दे। ताकि यूपीसीएल आम जनता को पर्याप्त मात्रा में पूरे समय बिजली उपलब्ध करा सके।
Next Story