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उत्तराखंड | आपदाओं की मार से जूझ रहे नैनीताल को स्थायी इलाज मिलना मुश्किल हो गया है. ऐसे में लोक निर्माण विभाग भूस्खलन प्रभावित इलाके में 400 जियो बैग डालकर अस्थायी समाधान कर रहा है. वहीं आईआईटी के वैज्ञानिक पहाड़ी का सर्वे करेंगे. जिसके बाद स्थायी समाधान पर काम शुरू हो पाएगा.
नैनीताल के अयारपाटा क्षेत्र में बीते माह भूस्खलन हो गया था. मलबे में चार घर दब गए थे. खतरे को देखते हुए इलाके में 25 से अधिक घर प्रशासन ने खाली करवा दिए हैं. यह लोग अब भी किराये के घरों या फिर अस्थायी व्यवस्था में ही रह रहे हैं, लेकिन इस इलाके में खतरा फिलहाल टलने वाला नहीं. क्योंकि भूस्खलन प्रभावित इलाकों के स्थायी ट्रीटमेंट की कोई योजना नहीं बन पा रही. इसलिए लोक निर्माण विभाग जियो बैग की मदद से यहां पर कुछ अस्थायी दीवार का निर्माण कर रहा है.
अस्थायी व्यवस्था के तहत भूस्खलन प्रभावित इलाकों में 400 जियो बैग लगाए जा रहे हैं. इससे भूस्खलन को रोकने में मदद मिलती है. वैज्ञानिक अध्ययन के बाद स्थायी ट्रीटमेंट का काम होगा
-रत्नेश सक्सेना, ईई लोनिवि नैनीताल
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Harrison
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