उत्तराखंड में धरती के दस से 25 किमी गहराई तक आते हैं भूकंप
नैनीताल : उत्तराखंड में उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, कुमाऊं में कपकोट, धारचूला, मुनस्यारी भूकंप की दृष्टि से सर्वाधिक संवेदनशील है। इन इलाकों में भूंकप धरती के दस से लेकर 25 किलोमीटर गहराई के बीच भूकंप आते रहे हैं। इंडियन प्लेट में हिमालयन थ्रष्ट के जोड़ में गतिविधियों से भूकंप की वजह हैं। लेसर हिमालया में सबसे अधिक भूकंप आ रहे हैं। भूकंप में चट्टान के अपेक्षा मिट्टी वाले इलाकों में नुकसान अधिक होता है। इस दृष्टि से ऊधम सिंह नगर जिले के रुद्रपुर, काशीपुर, अल्मोड़ा, देहरादून, पौड़ी बेहद संवेदनशील है।कुमाऊं विवि भूगर्भ विज्ञान विभाग के डा संतोष जोशी ने हिमालयी क्षेत्र में भूकंप की संवेदनशीलता पर शोध अध्ययन किया है। यह शोध पत्र जर्नल्स आफ अर्थक्विक इंजीनियरिंग में प्रकाशित भी हो चुका है। डा जोशी को कुमाऊं विवि के दीक्षा समारोह में पीएचडी की उपाधि मिलेगी। भूगर्भ विज्ञान विभाग की ओर से पृथ्वी मंत्रालय के सहयोग से मुनस्यारी, तोली, भराणीसैंण चमोली, चंपावत के सुयालखर्क, कालखेत, धौलछीना, मासी, देवाल, फरसाली कपकोट, पांगला पिथौरागढ़, कुमइया चौड़ पिथौरागढ़ समेत 12 स्थानों पर भूकंपमापी यंत्र स्थापित किए गए हैं। अध्ययन के अनुसार छह अप्रैल 2005 से दस जनवरी 2017 तक ही 58 भूकंप आए।