अमृत महोत्सव के दौरान कवियों ने देशभक्ति की रचनाओं से किया भावविभोर
हल्द्वानी न्यूज़:आजादी के अमृत महोत्सव के जश्न के बीच कुसुमखेड़ा स्थित एक बैक्वेंट हॉल में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजकीय शिक्षक संघ नैनीताल के अध्यक्ष डॉ. विवेक पांडे ने की। हास्य कवि राजकुमार भण्डारी ने 'एक-एक घर में लहराए तिरंगा, देश का ऐसा जुनून हो', प्रभारी प्रधानाचार्य प्रकाश चंद्र त्रिपाठी ने 'मां भारती दुखी है बेर करणै पुकार, देश का युवाओं है जावो तैयार' सुनाकर श्रोताओ में जोश भर दिया।
कवयित्री तारा पाठक ने 'मैं खन्यार हूं , क्ये फरक निपइन, मैं उजड़ी हूं अधरी घूं अन्यर हूं', शोध छात्र धर्मेन्द्र पांडे ने 'कोई हलचल हुई है हृदय के कही अजरे में तू ही नहीं नजर आ रही', त्रिवेन्द्र जोशी ने 'ऐसा क्या है इस मिट्टी के बन जाते काल के गाल' … सुनाकर भावविभोर कर दिया। कवि डॉ. वेदद्रकाश अंकुर ने 'देश का विकास हो न हो अपनी बला से, हम तो घोटाले करते है अपनी कला से' सुनाकर हंसाया तो डॉ. प्रदीप उपाध्याय ने 'बेई नि आए आज ऐलै कै बे अस लै रई, तू आलै मुख दिखाले त्यारा बाटै चे रई' सुनाकर आंखें नम कर दीं। संचालन गीतकार और रंगकर्मी डॉ. प्रदीप उपाध्याय ने किया। इस मौके पर राजकीय शिक्षक संघ के संयुक्तमंत्री त्रिलोक चंद्र बृजवासी, पार्षद धीरज पांडे आदि मौजूद रहे।