दर्जनों अभ्यर्थियों ने पीसीएस मुख्य परीक्षा को स्थगित कराने की मांग रखी
हल्द्वानी न्यूज़: गामी 12 नवंबर से प्रस्तावित पीसीएस मुख्य परीक्षा को स्थगित कराने की मांग को लेकर बुधवार को दर्जनों अभ्यर्थियों ने विधायक सुमित हृदयेश को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट व सरकार के अध्यादेश के माध्यम से महिला आरक्षण सुनिश्चित होने के बाद ही परीक्षा का आयोजन करने की मांग की। अभ्यर्थियों का कहना है कि न्यायालय ने राज्य सेवाओं में महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण पर रोक लगाई है। न्यायालय के निर्णय को निष्प्रभावी कर महिलाओं के अधिकारों की पुर्नबहाली के लिए सरकार ने कई बार अध्यादेश लाने व सुप्रीम कोर्ट जाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है। सरकार के रूख को देखते हुए राज्य लोक सेवा आयोग ने न्यायालय के निर्णय से प्रभावित विभिन्न भर्तियों वन क्षेत्राधिकारी, पीसीएस (जे), असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा आदि को सरकार के अग्रिम आदेश तक स्थगित कर दिया है, लेकिन पीसीएस परीक्षा को स्थगित नहीं किया है।
इससे महिला आरक्षण बचाने के सरकार के प्रयासों पर पानी फिर सकता है। उन्होंने बताया कि आयोग ने 19 अक्टूबर को संशोधित परिणाम जारी करते हुए राज्य की कुछ महिलाओं को परीक्षा में सम्मिलित किया है। इसके लिए मात्र 20 दिन का समय दिया जा रहा है, जो पूरी तरह गलत है। उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से सरकार के आदेश तक परीक्षा को स्थगित करवाने तथा महिला आरक्षण सुनिश्चित होने के बाद परीक्षा कराने की मांग की। ज्ञापन देने वालों में नेहा टम्टा, मीनाक्षी आर्य, पूजा बोरा, मीदा खान, साक्षी नौटियाल, पूजा जोशी, कल्पना रावत, मनीषा पंत, पीयूष जोशी, अनिल टम्टा, पंकज भट्ट, पीयूष भंडारी, प्रेम सिंह, प्रेम प्रकाश, रोहित, हेमंत, आदित्य, चन्द्रेश आदि शामिल रहे।