उत्तराखंड

डॉक्टरों को मिलेगी नौकरी, डाटाकर्मी हटाए जाएंगे

Admin Delhi 1
4 April 2023 12:26 PM GMT
डॉक्टरों को मिलेगी नौकरी, डाटाकर्मी हटाए जाएंगे
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नैनीताल न्यूज़: स्वास्थ्य विभाग को जल्द बांडधारी 281 डॉक्टर मिलेंगे. ये डॉक्टर प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों से पासआउट हुए हैं, जिन्हें सीएचसी और पीएचसी में तैनाती दी जाएगी.

देहरादून, हल्द्वानी और श्रीनगर में मेडिकल कॉलेज हैं. इस वर्ष 2017 बैच के 281 एमबीबीएस डॉक्टर 30 मार्च को पासआउट हुए हैं. इसमें देहरादून के 114, हल्द्वानी के 92 और श्रीनगर के 75 डॉक्टर शामिल हैं. अब इन्हें बांड के तहत दुर्गम स्थानों पर सेवा देनी होगी. इसके लिए नियमानुसार पांच साल का समय तय किया गया है. बांड के अनुसार इन डॉक्टरों को ग्रामीण क्षेत्रों में तैनाती मिलेगी. इससे लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी. चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि एमबीबीएस पासआउट डॉक्टरों को विभाग से तैनाती के आदेश जारी किए जाएंगे. उम्मीद है कि एक सप्ताह में सभी के तैनाती स्थल तय हो जाएंगे.

हल्द्वानी के छह, नैनीताल के तीन कर्मचारी

हटाए गए कर्मचारियों में हल्द्वानी के छह, नैनीताल के तीन, टनकपुर के दो, बागेश्वर, रामनगर और अल्मोड़ा के एक-एक कर्मचारी शामिल हैं. मामले में संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष पूरन चंद्र भट्ट का कहना है कि हल्द्वानी संभाग ही नहीं हरिद्वार में भी उपनल कर्मियों को हटाया गया है. इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

एमबीबीएस डॉक्टर वर्ष 2017 बैच के हुए हैं पासआउट

राज्य कर संभाग ने विभिन्न विभागों में प्रवर सहायकों के रिक्त पदों पर तैनात डाटा एंट्री ऑपरेटरों की सेवा समाप्त करने के आदेश जारी कर दिए हैं. उत्तराखंड उपनल कर्मचारी संगठन ने आदेश को वापस लेने की मांग की है.

राज्य कर संभाग की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि विभाग में डाटा एंट्री ऑपरेटर कनिष्ठ सहायक के 138 पद रिक्त हैं, जबकि इन पदों में 197 उपनल कर्मियों को तैनाती दी गई है. अतिरिक्त पदों से काम के आधार पर कर्मचारियों को हटाया जाए. ज्वाइंट कमिश्नर राज्य कर हल्द्वानी पीएस डुंगरियाल ने संभाग से पांच डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं कनिष्ठ सहायक और नौ डाटा एंट्री ऑपरेटर बाह्यस्रोत लिपिक समेत कुल 14 को हटाने के आदेश जारी किए हैं.

राज्य कर संभाग से उपनल कर्मियों को हटाए जाने की जानकारी अभी संज्ञान में नहीं आई है. पत्र मिलने पर कारणों का पता चल पाएगा. सेनि. कर्नल आलोक पांडे वरिष्ठ क्षेत्रीय परियोजना अधिकारी उपनल.

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