एक माह में अतिक्रमण हटाकर रिपोर्ट दें डीएम: नैनीताल हाईकोर्ट
नैनीताल: हल्द्वानी में मटर गली के समीप नजूल भूमि पर व्यायामशाला की भूमि से अतिक्रमण हटाने संबंधी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र का हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर बुधवार को जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की।
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद जिलाधिकारी नैनीताल को आदेश दिए की वे दोबारा से इस भूमि का निरीक्षण करें और अतिक्रमणकारियों को हटाकर उसकी रिपोर्ट मय दस्तावेजों के साथ एक माह में कोर्ट में पेश करें।अदालत ने यह भी निर्देश दिए की अतिक्रमण नहीं हटने पर अगली तिथि को डीएम स्वयं कोर्ट में पेश होंगे। मामले की अगली सुनवाई एक माह बाद होगी।
आधे-अधूरे शपथपत्र से हाईकोर्ट नाराज: पूर्व में भी हाईकोर्ट ने डीएम नैनीताल को यह निर्देश दिए थे। डीएम द्वारा पेश किए गए शपथपत्र से अदालत संतुष्ट नहीं हुई। जो शपथपत्र पेश किया गया, उसमें कहीं यह उल्लेख नहीं किया गया की कितने लोगों ने इस भूमि पर अतिक्रमण किया है, कितनी दुकानें, होटल एवं मकान बने हैं, जिस पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए जिलाधिकारी से दोबारा इस भूमि का निरीक्षण कर शपथपत्र पेश करने को कहा है।
स्वराज आश्रम भी शामिल बताया: मामले के अनुसार, हल्द्वानी व्यायामशाला सोसायटी के पदाधिकारी ने हाईकोर्ट को पत्र लिखकर कहा है कि मटर गली के समीप नजूल भूमि पर बनी व्यायामशाला की जमीन पर अतिक्रमणकारियों द्वारा कब्जा कर वहां पर निर्माण कर लिया गया है जिसमें स्वराज आश्रम (कांग्रेस का कार्यालय) भी शामिल है।
व्यायामशाला का मुख्य उद्देश्य स्थानीय खिलाड़ियों को नि:शुल्क प्रशिक्षण देना था, जिस पर कई लोगों द्वारा अतिक्रमण किया गया। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से व्यायामशाला की भूमि से अतिक्रमण हटाने की गुहार वर्ष 2018 में लगायी थी।
पूर्व में कोर्ट ने उनके पत्र का संज्ञान लेते हुए अधिवक्ता गोपाल के. वर्मा को न्याय मित्र नियुक्त किया था। पूर्व की जांच रिपोर्ट में जिला प्रशासन ने माना था कि व्यायामशाला की भूमि पर अतिक्रमण किया गया है, फिर भी उसे हटाया नहीं गया।