दस वर्ष से पुराने डीजल चालित ऑटो व विक्रम 31 मार्च के बाद अब नहीं दौडेंगे
देहरादून न्यूज़: संभागीय परिवहन प्राधिकरण ने एक नवंबर को हुई बैठक में लिए गए अहम निर्णयों को आखिरकार उजागर कर दिया है। इन निर्णयों में सबसे महत्वपूर्ण निर्णय यह लिया गया है कि अब मार्च 31 -2023 के बाद दून की सड़कों पर दस वर्ष से पुराने डीजल चालित आटो व विक्रम नहीं दौड़ सकेंगे। इनके स्थान पर शहर में बीएस-6 श्रेणी के चौपहिया वाहन जो की पेट्रोल, सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहन होंगे उन्हें चलाया जाएगा। एक पत्रकार वार्ता कर जानकारी देते हुए आरटीए सचिव व आरटीओ प्रशासन सुनील शर्मा ने बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के क्रम में दून शहर व ऋषिकेश से डीजल चालित आटो व विक्रमों को पहले चरण में बाहर किया जा रहा है। शहर में 797 विक्रम डीजल से चलते हैं। इसके अलावा करीब दो हजार ऑटो भी डीजल से चल रहे हैं। देहरादून के बाद ऋषिकेश, हरिद्वार, रुड़की व विकासनगर में भी डीजल विक्रम बाहर किए जाएंगे। इसके अलावा चौपहिया सीएनजी, बीएस-6 पेट्रोल और इलेक्ट्रिक वाहनों का परमिट पहले आओ-पहले पाओ की नीति के तहत दिया जाएगा। विक्रम संचालक के लिए इसमें यह राहत दी गई है कि यदि वह 31 जनवरी-2023 तक नए परमिट के लिए आवेदन कर देते हैं तो उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। इसमें शर्त यह रहेगी कि उन्हें 60 दिन के भीतर यानी 31 मार्च-2023 तक नया चौपहिया सीएनजी, बीएस-6 पेट्रोल या इलेक्ट्रिक वाहन लेना होगा।
ध्यान रखने वाली बात यह भी है कि 31 जनवरी-2023 तक सभी विक्रम संचालकों को परमिट के लिए आवेदन करना होगा, चाहे उनका विक्रम दस वर्ष से अधिक पुराना हो या इससे कम। यदि दस वर्ष से कम उम्र सीमा के किसी विक्रम के संचालक ने निर्धारित तिथि तक परमिट के लिए आवेदन नहीं किया तो भले ही उसका विक्रम 31 दिसंबर-2023 तक संचालित हो सकेगा, लेकिन उसे स्टेज कैरिज का परमिट नहीं मिलेगा। उस स्थिति में संचालक को नया सीएनजी विक्रम लाना होगा, लेकिन वह कांट्रेक्ट कैरिज परमिट के तहत शहर के बाहर संचालित होगा। वहीं, डीजल आटो का परमिट सीएनजी, बीएस-6 पेट्रोल या इलेक्ट्रिक आटो में बदला जा सकेगा।