उत्तराखंड की धामी सरकार ने छात्र हितो में एक बड़ा फैसला लिया है। दअरसल राज्य में अब 11वीं, 12वीं के छात्र-छात्राओं के स्थायी निवास, जाति प्रमाणपत्र, मूल निवास प्रमाणपत्र, आय प्रमाणपत्र जैसे सभी प्रमाणपत्र स्कूल में ही बनेगा ।
धामी सरकार ने ”अपणों स्कूल, अपणू प्रमाण” योजना लांच की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राज्य के समस्त स्कूलों में 11वीं, 12वीं क्लास के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रतिभाग करने के उद्देश्य से सभी आवश्यक प्रमाणपत्र स्कूल में ही उपलब्ध कराने का निर्णय हुआ है।
धामी सरकार इस फैसले को काफी ऐतिहासिक बता रही है। जबकि विपक्ष का कहना है कि सरकार सिर्फ घोषणाएं करती है। धरातल पर इस योजना के उतरने पर संशय है।
एक तरफ जहां सरकार स्कूलों में ही सभी प्रमाण पत्र को उपलब्ध कराने की सुविधा दे रही है तो दूसरी ओर सरकार ने निर्णय लिया है कि स्कूल आने के लिए बच्चों को भत्ता दिया जाएगा ।
जिससे अधिक से अधिक बच्चे सरकारी स्कूलों में आए साथ ही उन्हें आवागमन में कोई दिक्कत ना हो सरकार का कहना है कि वह राज्य में शिक्षा को बेहतर करने के लिए प्रयास कर रही है
राज्य में शिक्षा के मुद्दे पर सियासत गरमा गई है एक तरफ जहां सरकार बच्चों और अभिभावकों की सुविधा के लिए सभी प्रमाणपत्र स्कूल में ही बनाने जा रही है तो दूसरी ओर सरकार बच्चों को स्कूल आने के लिए भत्ता दे रही है।जिससे कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित ना रहे और अभिभावकों पर आर्थिक बोझ भी ना बढ़े।
ऐसे में सवाल ये है कि जब सरकार जनहित में फैसले ले रही है तो फिर विपक्ष को सरकार के फैसलों पर भरोसा क्यूं नहीं है क्या राज्य में शिक्षा की बदहाली कोई नई बात है। क्या सरकार के ये प्रयास धरातल पर कोई सकारात्मक बदलाव ला पाएंगे।