देवभूमि उत्तराखंड: विधानसभा चुनाव में बुरी हार से हताश हुए हरदा, नजरें कैसे मिलाऊं
देहरादून: विधानसभा चुनाव के रिजल्ट ने कांग्रेस को तगड़ा झटका दिया है। कहां तो पूर्व सीएम हरीश रावत एक बार फिर मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे थे, लेकिन अपनी ही सीट नहीं बचा सके। चुनाव में मिली हार से हरीश रावत गहरे सदमे में हैं और जब तब सोशल मीडिया के जरिए अपना दर्द बयां कर रहे हैं। उनके लिए हार को स्वीकार करना मुश्किल हो रहा है। दिल्ली रवानगी से पहले हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर एक और नोट लिखा। जिसमें हरदा लिखते हैं कि वह राज्य में कांग्रेस की हार से बेहद आहत हैं। उन्होंने कहा कि वह समझ नहीं पा रहे हैं कि अपनी राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से कैसे नजरें मिलाएंगे। हरदा बेहद भावुक नजर आए। उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि दिल्ली की ओर जाने की कल्पना मात्र से उनके पांव और मन भारी हो रहे हैं। वह कैसे अपनी राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया के चेहरे की तरफ देखेंगे। उन्होंने राज्य में कांग्रेस की सत्ता वापसी को लेकर उन पर बहुत विश्वास किया था।
देश के तमाम शीर्षस्थ कांग्रेस जनों का भी उन पर बहुत विश्वास था। लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाए। हरीश ने कहा कि कहीं तो उनकी ही कमियां रही होंगी, जो वह विश्वास को कायम नहीं रख पाए। अब वास्तविकता यह है कि हम हारे ही नहीं हैं, बल्कि हमारी हार कई और चिंताजनक संकेत भी दे रही है। कांग्रेस पार्टी कहीं न कहीं रणनीतिक चूक का शिकार हो रही है। कुछ ऐसी स्थितियां बन रही हैं कि हम हर बार जनता का विश्वास जीतने में विफल हो जा रहे हैं। हाल में संपन्न हुए चुनाव में हरीश रावत ने लालकुआं से चुनाव लड़ा था, लेकिन जीत नहीं सके। रविवार को प्रदेश चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत दिल्ली रवाना हो गए। जहां वे कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में शामिल हुए। इस बैठक में प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव भी मौजूद रहे। बैठक में उत्तराखंड में पार्टी की हार पर भी मंथन किया गया।