उत्तराखंड

देवभूमि उत्तराखंड: आजादी के बाद गढ़वाल के ब्यूंखी गांव में पहली बार पहुंची सड़क, लोगों में ख़ुशी

Admin Delhi 1
24 March 2022 1:36 PM GMT
देवभूमि उत्तराखंड: आजादी के बाद गढ़वाल के ब्यूंखी गांव में पहली बार पहुंची सड़क, लोगों में ख़ुशी
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देवभूमि न्यूज़: रुद्रप्रयाग के कालीमठ घाटी का ब्यूंखी गांव आजादी के बाद पहली बार यातायात से जुड़ गया है। ब्यूंखी गांव में पहली बार जीप टैक्सी पहुंचने पर ग्रामीणों ने हर्षोल्लास से जनप्रतिनिधियों व वाहन चालकों का फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया और इसी साथ ही पीएमजीएसवाई सिंचाई खंड जखोली डिवीजन के अधिकारियों का आभार व्यक्त किया ब्यूंखी गांव के यातायात से जुड़ने से जहां एक ओर सिद्धपीठ कालीशिला तीर्थ के पर्यटन व्यवसाय में इजाफा होगा, तो वहीं गांव में होम स्टे योजना को बढ़ावा मिलने से स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार के सुनहरे अवसर प्राप्त होंगे जिससे पलायन पर रोक लगेगी। दरअसल पीएमजीएसवाई सिंचाई खंड जखोली डिवीजन के अन्तर्गत लगभग 4 करोड़ 22 लाख रुपये की लागत से साढ़े सात किमी स्वीकृत बेडूला-कुणजेठी-ब्यूंखी मोटर मार्ग का निर्माण कार्य पिछले वर्ष शुरू हुआ था। मोटरमार्ग का निर्माण कार्य कुणजेठी तक तो आसानी से किया गया, मगर कुणजेठी-ब्यूंखी के मध्य मजबूत चट्टान होने के कारण विभाग को मार्ग निर्माण में काफी परेशानी उठानी पड़ी।

आखिरकार मोटर मार्ग पर फेस वन का कार्य पूर्ण होते ही ग्रामीणों के बीच खुशी की लहर छा गई। विभागीय जूनियर इंजीनियर विनीत बौठियाल ने बताया कि मोटरमार्ग के फेस टू कार्य के लिए लगभग चार करोड़ पचास लाख अवमुक्त हो चुके हैं। शीघ्र फेस टू का निर्माण कार्य शुरू किया जायेगा।उन्होंने बताया कि ब्यूखी गांव के यातायात से जुड़ने से भविष्य में सिद्धपीठ कालीशिला के तीर्थाटन-पर्यटन व्यवसाय में भारी इजाफा होगा जिससे अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। तो वहीं ब्यूंखी गांव तक सड़क पहुंचते ही वहां उत्सव जैसा माहौल बन गया। पहली बार जीप-टैक्सी पहुंचने पर ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों व जीप-टैक्सी वाहन चालकों का फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया। ग्राम प्रधान सुदर्शन राणा ने बताया कि ब्यूंखी गांव के पहली बार यातायात से जुड़ने से ग्रामीणों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि पूर्व में कालीमठ-कालीशिला पैदल ट्रैक 6 किमी था, ब्यूंखी गांव के यातायात से जुड़ने के कारण अब यह पैदल ट्रैक मात्र दो किमी रह गया है।

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