उत्तराखंड

बारिश से तबाही, यमकेश्वर में बादल फटने से वृद्धा की मौत

Gulabi Jagat
20 Aug 2022 4:29 AM GMT
बारिश से तबाही, यमकेश्वर में बादल फटने से वृद्धा की मौत
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श्रीनगर: देर रात से हो रही है बारिश के कारण उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों का जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो गया है. आलम ये है कि नेशनल हाईवे 58 ऋषिकेश से देवप्रयाग के बीच पांच जगहों पर बाधित हो गया है. मजबूरन प्रशासन को श्रीनगर ओर ऋषिकेश से आने जाने वाले वाहनों को दूसरे मार्गों की तरफ डाइवर्ट करना पड़ा है. नेशनल हाईवे कल देर रात 11 बजे से बंद है. मार्ग को लोक निर्माण विभाग खोलने की कोशिश में जुटा हुआ है.
इसके साथ ही चमोली ओर रुद्रप्रयाग जनपदों में हो रही बारिश के कारण अलकनंदा नदी के जलस्तर पर भी असर पड़ा है. जलस्तर सामान्य दिनों की तुलना में तेजी के साथ बढ़ रहा है. इससे नदी के आसपास और किनारे रहने वालों लोगों को खतरा पैदा हो गया है.
उत्तराखंड में बारिश और क्लाउड ब्रस्ट
देवप्रयाग थाने से मिली जानकारी के मुताबिक नेशनल हाईवे 58 ऋषिकेश और देवप्रयाग के बीच पांच जगहों पर बंद है. मार्ग तीनधारा, रोलीधार, तोताघाटी, सोड पानी, और बछेलिखाल के समीप बंद हो गया है. इन सभी जगहों पर पहाड़ी से भारी बोल्डर आकर नेशनल हाईवे पर गिर गए हैं. इस कारण गढ़वाल की ये लाइफ लाइन बंद हो गयी है. ये हाईवे टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों को जोड़ता है. कर्णप्रयाग से यही हाईवे कुमाऊं के अल्मोड़ा और बागेश्वर जिलों को जोड़ता है.
देवप्रयाग थाना प्रभारी एसएचओ देवराज शर्मा ने बताया कि मार्ग कल देर रात्रि 11 बजे से बंद है. इस कारण श्रीनगर से आने वाले वाहनों को मलेथा टिहरी चंबा होते हुए ऋषिकेश भेजा जा रहा है. टिहरी से आने वाले वाहनों को नरेंद्रनगर, चम्बा, टिहरी और मलेथा से श्रीनगर की तरफ भेजा जा रहा है. उन्होंने बताया कि मार्ग को खोलने के पूरे प्रयास किये जा रहे हैं. यमकेश्वर में बादल फटने से महिला की मौत: पौड़ी जिले में शनिवार तड़के हुई बारिश यमकेश्वर तहसील के लिए आफत बनकर टूट पड़ी. बदल फटने से यमकेश्वर तहसील में तीन गांवों में जनजीवन प्रभावित हो गया है. कई गांवों में लोगों के घर जमींदोज हो गए हैं. एक महिला की मलबे में दबकर मौत हो गयी है. वहीं ग्रामीणों के कई मवेशियों के बह जाने का भी अंदेशा है.
पौड़ी के जिला आपदा प्रबंधन केंद्र के अनुसार यमकेश्वर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत तड़के साढ़े 3 बजे बादल फटने से भारी तबाही हो गयी है. बताया जा रहा है कि तहसील के ग्राम बिनक में भवन के क्षतिग्रस्त होने से 70 वर्षीय महिला की मौत हो गयी. वहीं डिवोगी निवासी धर्म सिंह की दुकान क्षतिग्रस्त हो गई है. गौशाला ढह गई है. गौशाला में बंधे मवेशी भी बह गए. ग्राम आवई, उदयपुर मल्ला व ग्राम पम्बा वल्ला में एक एक आवासीय भवन बारिश से जमींदोज हो गये हैं. गनीमत रही कि समय रहते सभी वाशिंदे सही सलामत सुरक्षित जगह पहुंच गए.
वहीं जिलाधिकारी डॉ विजय कुमार जोगदंडे ने जनपद आपदा कंट्रोल रूम तथा संबंधित विभागीय अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश जारी किए हैं. साथ ही स्थानीय स्तर पर संबंधित विभागों को तत्काल प्रभावित स्थलों का मौका मुआयना करने को कहा है. इसके साथ ही प्राथमिक रेस्क्यू की कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं. तहसील प्रशासन और संबंधित विभागों द्वारा प्रभावित स्थानों पर लोगों की मदद को कहा गया है. डीएम ने एसडीआरएफ की टीमें भी मौके पर रवाना कर दी हैं.
टिहरी के नैलचामी में अतिवृष्टि: देर रात्रि को हुई बारिश ने उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में तबाही मचाई है. जनपद टिहरी के नैलचामी क्षेत्र में भी मूसलाधार बारिश ने लोगों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं. ग्रामीण आनंद बिष्ट और कपिल बडोनी ने बताया कि नैलचामी के मंदार गांव के ऊपरी क्षेत्र में अतिवृष्टि होने से गनाबांज गदेरे में पानी का अत्यधिक बहाव आया है. इससे सड़क मार्ग पर मलवा आ गया है और यातायात बाधित हो गया है. पेयजल लाइन भी ध्वस्त हो गई है. अन्य किसी प्रकार के नुकसान की कोई खबर नहीं है. नैलचामा गाड़ का जलस्तर काफी बढ़ा हुआ है.
टिहरी में तबाही का मंजर
जाखन नदी में बाढ़: देर रात से हो रही मूसलाधार बारिश के चलते नदियां ओर बरसाती नाले उफान पर हैं. सौंग, सुसुआ और जाखन नदियों का जल स्तर बढ़ गया है. जिससे नदी के किनारे रहने वाले लोगों को खतरा पैदा हो गया है. डोईवाला में सौंग नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है. वही सुसुआ नदी के किनारे रहने वाले लोग भी दहशत में हैं. जाखन नदी में तेज बहाव का पानी आने से रानीपोखरी का वैकल्पिक मार्ग बह गया है. जिससे बड़े वाहनों को लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है. छोटे वाहनों को नव निर्मित पुल से निकाला जा रहा है.
रायपुर क्षेत्र में मूसलाधार बारिश होने से कई गांवों में पानी घुसने की खबर है. थानों क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर जोशी ने बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों में अधिक बारिश होने से कई गांव जलमग्न हो गए हैं जन जीवन भी अस्त व्यस्त हो गया है. उप प्रधान विशाल तोमर ने बताया कि रानीपोखरी का महादेव नाला उफान पर है. हर साल यह नाला तबाही लेकर आता है. इस नाले का सारा पानी लोगों के घरों में घुसता है. लेकिन अभी तक समाधान के कोई उपाय नहीं किये गए हैं. रानीपोखरी के चौकी प्रभारी शिशुपाल राणा ने बताया कि रानीपोखरी पुल के नीचे के वैकल्पिक मार्ग में पानी आ जाने की वजह से बड़े वाहनों के लिए मार्ग बंद कर दिया गया है. छोटे वाहनों को नए पुल से भेजा जा रहा है. वहीं रायपुर क्षेत्र में सोडा सरोली पुल पर सड़क का एक हिस्सा बह गया है. रानीपोखरी के ग्राम प्रधान सुधीर रतूड़ी ने बताया कि अगर आज भी ऐसी ही मूसलाधार बारिश होती रही तो क्षेत्र में भारी नुकसान हो सकता है.
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