हल्द्वानी: दरोगा भर्ती मामले में निलंबित दरोगाओं के खिलाफ विभागीय जांच बैठा दी गई है। मामले में पुलिस मुख्यालय ने सभी जनपदों के राजपत्रित अधिकारियों को जांच सौंपने के आदेश जारी कर दिये हैं। लगभग एक माह तक चलने वाली इस जांच प्रक्रिया में निलंबित दरोगा अधिकारी के सामने अपना पक्ष रखेंगे।
पुलिस महकमे ने वर्ष 2015 में हुई दरोगा भर्ती मामले में विजिलेंस की रिपोर्ट के आधार पर करीब 20 दरोगाओं को निलंबित किया है। इनमें जनपद नैनीताल के चार, उधमसिंह नगर के सात तथा चंपावत का एक दरोगा शामिल है। उत्तराखंड पुलिस कर्मचारी दंड नियमावली धारा 14/1 या 14/2 के तहत निलंबित किये गये दरोगाओं पर विभागीय कार्रवाई का प्रावधान है। इसके लिए मुख्यालय स्तर से जारी निर्देशों के बाद कार्रवाई की जा जाती है।
बताया जाता है कि जिले में चारों दरोगाओं की जांच सीओ नैनीताल विभा दीक्षित को सौंपी गई है। जांच अधिकारी के समक्ष सभी निलंबित अधिकारी अपना पक्ष रखेंगे। जांच अधिकारी की रिपोर्ट के बाद ही इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।