उत्तराखंड

आटा, दाल जैसी आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी के खिलाफ प्रदर्शन

Kajal Dubey
29 July 2022 5:32 PM GMT
आटा, दाल जैसी आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी के खिलाफ प्रदर्शन
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जिला मुख्यालय में व्यापारियों ने जीएसटी सर्वे के नाम पर उनका उत्पीड़न करने और आटा, दाल व दूध जैसी आवश्यक वस्तुओं को जीएसटी के दायरे में लाने के विरोध में प्रदर्शन किया। इस दौरान राज्य व केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर पुतला फूंका गया।
शुक्रवार को जिला उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के बैनर तले बड़ी संख्या में व्यापारी हनुमान चौक पर एकत्रित हुए और विरोध किया। वक्ताओं ने कहा कि केंद्रीय जीएसटी परिषद होटलों के 1000 रुपये से कम किराये के कमरों को भी जीएसटी के दायरे में लाया है जो कि गलत है। संगठन के जिलाध्यक्ष सुभाष बडोनी ने कहा कि दो साल व्यापारी कोरोना महामारी के कारण आर्थिक संकट से गुजरे। इस दौरान उन्हें कोई मदद नहीं मिली और अब कर संग्रह बढ़ाने के नाम पर सर्वे कर बड़े से लेकर छोटे सभी व्यापारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है। जिला महामंत्री अजय प्रकाश बडोला ने कहा कि आटा व दूध जैसी आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी से गरीब आदमी के लिए जीवनयापन करना मुश्किल हो गया है। उन्होंने केंद्र सरकार से आवश्यक वस्तुओं व होटल के कमरों पर लगाए गए जीएसटी को तत्काल वापस लेने की मांग की। प्रदर्शन करने वालों में कोषाध्यक्ष वीरेंद्र बत्रा, संगठन मंत्री नरेश शर्मा, मंत्री रमेश चंदोक, नगर महामंत्री मनमोहन थलवाल, जोशियाड़ा व्यापार मंडल से वरिष्ठ उपाध्यक्ष उत्तम गुसाईं, अध्यक्ष पारेश्वर सेमवाल, सत्य पंवार और राजेंद्र पोखरियाल आदि शामिल रहे।
कर्णप्रयाग में प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने जीएसटी सर्वे का विरोध किया और पुतला फूंका। इस मौके पर व्यापार संघ अध्यक्ष बृजेश बिष्ट, महामंत्री उमेश खंडूड़ी, प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश कुमार डिमरी, धर्मवीर सिंह, ईश्वरी मैखुरी, पुष्कार रावत, हरीश सती आदि मौजूद थे।
नगर उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के पदाधिकारियों ने जीएसटी सर्वे के नाम पर व्यापारियों का उत्पीड़न करने का विरोध किया। शुक्रवार को नगर उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के अध्यक्ष हेमेंद्र नेगी ने एसडीएम सदर आकाश जोशी से मुलाकात की। अध्यक्ष नेगी ने कहा कि कोरोकाल के कारण व्यापारी वर्ग परेशान रहा लेकिन सरकार ने उनकी परेशानी को नजरअंदाज किया। उन्होंने इस सर्वे को तत्काल बंद करने की मांग की। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने अधिशासी अभियंता जल संस्थान से मुलाकात की। मंडल के कोषाध्यक्ष कुलदीप गुसाईं ने बताया कि पौड़ी में होटलों, रेस्तारां व व्यापारिक प्रतिष्ठानों में जल संस्थान बढ़े हुए बिल दे रहा है जबकि घरों में पेयजल आपूर्ति कम हो रही है। उन्होंने पानी के बढ़े बिल वापस लेने और फिक्स चार्जेज के आधार पर बिल देने की मांग की। इस अवसर पर महामंत्री देवेंद्र रावत, मीडिया प्रभारी मनोज बिष्ट आदि मौजूद रहे।
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