देश की राजधानी दिल्ली की प्रदूषित आबोहवा को ठीक करने के लिए उत्तराखण्ड के लालकुआं स्थित वन अनुसंधान केन्द्र से साढ़े तीन हजार पौधों की खेप रविवार को दिल्ली विश्वविद्यालय को भेजी गयी।
वन अनुसंधान केंद्र के वन क्षेत्राधिकारी मदन सिंह बिष्ट ने बताया कि उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय को जैव विविधता पार्क स्थापित करने के लिए अनुसंधान केंद्र से अब तक एक लाख से अधिक पौधे भेज दिए हैं। कोरोना कॉल के दौरान 3 वर्ष तक यह प्रक्रिया रुकी रही, इस बार फिर से साढ़े तीन हजार पौधे दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में जैव विविधता पार्क स्थापित करने के लिए भेजे गए हैं।
इन पौधों में मुख्यरूप के हरड़, बहेड़ा, आँवला, बेलपत्री, सादन, भेदा, रिठौल, आमड़ा. सर्पगंधा, तुलसी, अकरकरा, कचनार, रोहणी, खैर, सेमल आदि प्रजातियां शामिल हैं। उन्होंने बताया कि ये पौधे प्रदूषण को कम करने में सहयोगी होते हैं।
वन क्षेत्राधिकारी ने बताया कि विगत आठ-नौ वर्षों से दिल्ली क्षेत्र में पौधारोपण हेतु नियमित रूप से औषधीय पौधे भेज रहे हैं, कोरोनाकाल को छोड़कर पूर्व के वर्षों में लगभग एक लाख से अधिक पौधे दिल्ली के विभिन्न वनीकरण केंद्रों में रोपित किये गये हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली सहित हरियाणा, आगरा आदि स्थानों पर भी वन अनुसंधान केंद्र द्वारा औषधीय पौधे भेजे गए हैं।
न्यूज़ क्रेडिट: amritvichar