Dehradun: सुरों की महफिल में माधुरी बड़थ्वाल और उप्रेती सिस्टर्स छाईं

देहरादून: दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की ओर से उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस पर रजत जयंती समारोह के अन्तर्गत सोमवार को दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र परिसर में लोक संगीत एवं कला से जुड़े विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान माधुरी बड़थ्वाल और उप्रेती सिस्टर्स की प्रस्तुतियों ने समा बांधा और रामलाल की कठपुतली देख बच्चे आनंदित हुए।
सोमवार को सत्र में शास्त्रीय संगीत के निकष पर गढ़वाली लोक संगीत विषय पर पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त संस्कृतिकर्मी डॉ. माधुरी बड़थ्वाल ने व्याख्यात्मक प्रस्तुति दी। इस सत्र में डॉ. माधुरी बड़थ्वाल ने गढ़वाल अंचल के लोक संगीत पर गहनता से प्रकाश डाला। उन्होनें लोक संगीत के विविध पक्षों के सन्दर्भ में गायन के माध्यम से जानकारी दी। लोक संगीत किसे कहते हैं, गढ़वाल के लोक संगीत के अंतर्गत कौन कौन सी विधाएं प्रचलन में हैं और लोकगीतों एवं संगीत का क्या सामाजिक व सांस्कृतिक महत्व है, इसपर बातचीत की। डाॅ. माधुरी ने गढ़वाली लोक संगीत की पारम्परिक विशेषताओं और वर्तमान स्थिति को भी उजागर करने का प्रयास किया।
वहीं, सायंकालीन सत्र में उत्तराखण्ड के समाज में प्रचलित लोकगीतों की विविधता और उसके स्वरुप पर सुपरिचित गायिका उप्रेती सिस्टर्स-ज्योति उप्रेती सती और नीरजा उप्रेती की ओर से संगीतमय प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में उप्रेती सिस्टर्स ने उत्तराखंड के पारंपरिक लोकगीत-न्यौली, खेल, झोड़ा, चांचरी, रासो, हारुल, सदेई, बाजुबंद, छपेली, संस्कार गीत (शकुनाखर और मांगल) देव स्तुतियां, खुदेड़ गीत, चैती, लोकगाथा “सातूं-आंठू” सहित अन्य लोकगीतों की शानदार प्रस्तुतियां दीं।
उप्रेती सिस्टर्स के गाये गीतों में ’मेरी माया राखि राख्ये देलि सांगाड़ुनी, चम चम चमकन्या क्या हो,’’ओ छमा पिनुरी का धुरा देवी’, ’ज्ञानसु लगी घुंड्यु बांधी’ ’रासो नरु-बिजौला’, ’मोड़ाये मोड़ा रे मोड़ाईये रे केरिमो’, ’बीजी जावा नौखंडी नरसिंह’, ’अय्यो बैना बृखबन अनमौलि में मोखना’, ’हे ऊंचि डांड्यों तुम निसि जावा’, ’ल्याओ चेलियो धतुरी का फूल’, ’हापुरा बजानी’ और ’तिलगा तेरी लंबी लटी टसर का फुना’, लोकगीतों को दर्शकों ने मंत्र मुग्ध होकर सुना। इन दोनों उप्रेती सिस्टर्स के साथ रामचरण जुयाल ने हुड़का और मोरछंग (बिणईं) में, अमित डंगवाल ने ढोलक में व रुकमेश नौटियाल ने बांसुरी में जोरदार संगत दी।
इन दोनों कार्यक्रमों का संयुक्त संचालन पूर्व मुख्य सचिव व वर्तमान मुख्य सूचना आयुक्त राधा रतूड़ी और पूर्व पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी ने किया। कार्यक्रम के आरम्भ में इन दोनों सत्रों में प्रस्तुति देने वाले सभी कलाकार अतिथियों का पुष्प गुच्छ व शाॅल ओढ़ाकर सम्मान भी किया गया। इन दोनों सत्रों में उपस्थित लोगों ने सवाल-जबाब भी किए।
सायंकालीन सत्र में ही दून पुस्तकालय परिसर के एम्फीथियेटर में प्रसिद्ध पुतुल कलाकार रामलाल भट्ट की ओर से 5 से 18 वर्ष तक आयु वर्ग के बच्चों के लिए आकर्षक रुप से कठपुतली प्रदर्शन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में रामलाल ने सरल व सहज तौर पर बच्चों को कठपुतली के किरदारों के माध्यम से कहानी वाचन की शानदार प्रस्तुति दी।
इन विविध आयोजनों के अवसर पर पूर्व मुख्य सचिव एन.एस नपलच्याल, भारती पाण्डे, कमल रजवार, डॉ. शिवमोहन सिंह, हिमांशु आहूजा, सुमन भारद्वाज, माया तिवारी, कमला पंत, जादीश बाबला, जय भगवान गोयल, डॉ. वीके डोभाल, सुंदर सिंह बिष्ट, जय भगवान गोयल, कर्नल शैलेन्द्र सिंह रौतेला, मेघा विल्सन, शैलेन्द्र नौटियाल, मधन सिंह, जगदीश सिंह महर, हर्षमणि भट्ट सहित अनेक संस्कृति कर्मी, साहित्यकार, लेखक, सामाजिक अध्येता, छात्र, बच्चे, युवा पाठक और शहर के अनेक लोग उपस्थित रहे।





