देहरादून: वक्त पर नहीं मिला फ्लैट, लगा तगड़ा जुर्माना
उत्तराखंड न्यूज़: देहरादून के राजधानी बनने के बाद यहां plot flats की डिमांड तेजी से बढ़ी है। हालांकि कई बार ऐसा भी होता है कि पूरी रकम लेने के बाद भी बिल्डर समय पर खरीदार को फ्लैट नहीं देता। ऐसे में उपभोक्ता को दोहरा घाटा उठाना पड़ता है। एक तरफ मकान का किराया देना होता है, तो वहीं फ्लैट की किश्त चुकाने में दम निकल जाता है। फ्लैट देने में हो रही देरी के एक ऐसे ही मामले में रेरा ने खरीदार को बड़ी राहत दी है। रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी के फैसले के मुताबिक अब अंतिम किश्त के रूप में फ्लैट खरीददार को 11.14 लाख रुपये कम देने होंगे। एमडीडीए को यह राशि खरीदार के अब तक के भुगतान पर ब्याज के रूप में देनी होगी। दूसरी तरफ अंतिम किश्त के भुगतान में देरी पर फ्लैट खरीदार को भी संबंधित धनराशि पर ब्याज देना होगा। चलिए पूरा मामला बताते हैं। कैपिटल हाईट्स आईटीबीपी रोड निवासी अनीता गुप्ता और मुकेश गुप्ता ने एमडीडीए की ट्रांसपोर्ट नगर एचआईजी परियोजना में 72 लाख रुपये का 3 बीएचके फ्लैट बुक कराया था।
अप्रैल 2018 तक उन्हें फ्लैट पर कब्जा मिल जाना चाहिए था। इसके एवज में अनीता व मुकेश एमडीडीए को 57.78 लाख रुपये का भुगतान कर चुके हैं। लेकिन काम की धीमी रफ्तार और तय समय में फ्लैट पर कब्जा न मिलने की हालत में उन्होंने 20.26 लाख रुपये की आखिरी किश्त का भुगतान नहीं किया। साथ ही रेरा में केस दायर कर दिया। मामले की सुनवाई करते हुए रेरा सदस्य नरेश सी मठपाल ने पाया कि एमडीडीए की ओर से 2 साल 2 महीने का विलंब गैर जरूरी था। एमडीडीए को इस अवधि के लिए 57.78 लाख रुपये के भुगतान पर 11.64 लाख रुपये ब्याज के तौर पर देने होंगे। फ्लैट खरीदार ने भी आखिरी किश्त के भुगतान में 7 महीने की देरी की। इसलिए उसे भी 1.08 लाख रुपये एमडीडीए को देने होंगे। रेरा ने उपभोक्ता को अपने ब्याज की राशि घटाकर एमडीडीए को अंतिम किश्त के रूप में 9.71 लाख रुपये का भुगतान करने के निर्देश दिए हैं।