उत्तराखंड

देहरादून: बेटे को डॉक्टर बनाने के लिए किसान पिता ने छोड़ा गांव

Teja
3 Nov 2021 11:08 AM GMT
देहरादून: बेटे को डॉक्टर बनाने के लिए किसान पिता ने छोड़ा गांव
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फाइल फोटो 

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जनता से रिस्ता वेबड़ेसक | मूल रूप से देवबंद निवासी किसान ब्रह्म सिंह ने बेटे विपुल को डॉक्टर बनाने का सपना देखा था। जो देवबंद में रहकर पूरा कर पाना खासा मुश्किल था। वहां बेहतर कोचिंग और अन्य सुविधाएं नहीं थीं। इसलिए वर्ष 2013 में अपना गांव छोड़ दिया और दून आकर बस गए। आज बेटे विपुल ने 619 अंकों के साथ नीट क्वालिफाई कर पिता के त्याग को सार्थक कर दिया है।

ब्रह्म सिंह गांव में खेती-किसानी किया करते थे। उन्होंने अपने खेत बंटाई पर दे दिए और बेटे की बेहतर तैयारियों के लिए वो दून आ गए। बलूनी क्लासेस के प्रबंध निदेशक विपिन बलूनी के मार्गदर्शन में विपुल ने कोचिंग की। विपुल को शहरी माहौल में एडजस्ट करने में कुछ दिक्कत हुई, लेकिन जब लय पकड़ी तो पीछे मुड़कर नहीं देखा। हर यूनिट टेस्ट के साथ उसके अंक बढ़ते चले गए।

विपुल ने बताया कि कोचिंग के अलावा नियमित तौर पर घर पर छह घंटे पढ़ाई की। हफ्ते के सातों दिन कोचिंग और घर पर सेल्फ स्टडी काम आई। इसके अलावा डाउट क्लियर करने के लिए शिक्षकों के साथ अलग बैठकर डिस्कस किया। कोरोना लॉक डाउन के दौरान ऑनलाइन पढ़ाई की और तैयारियों पर बिल्कुल भी असर नहीं पड़ने दिया। इस दौरान कोई ब्रेक भी नहीं लिया। खेलकूद, सोशल मीडिया, टीवी सबसे दूरी बनाकर रखी।

शर्मा परिवार में जुड़वां खुशी, नीट में चमके कार्तिकेय

नीट के परिणाम दून के शर्मा परिवार के लिए दोहरी खुशी लेकर आए। उनके बेटे कार्तिकेय ने 680 अंक हासिल कर देशभर में 973वां स्थान हासिल किया। कुछ दिन पूर्व उनके जुड़वा भाई विनायक ने जेईई एडवांस में करीब 11 हजार रैंक हासिल की थी।

कार्तिकेय ने इसी साल दून इंटरनेशनल स्कूल से 92.2 फीसदी अंकों के साथ 12वीं उत्तीर्ण की थी। कार्तिकेय के पिता डॉ. पंकज शर्मा स्वास्थ्य महानिदेशालय में तैनात हैं। मां मधु शर्मा गृहिणी हैं। कार्तिकेय ने बताया कि बचपन में अपने पिता को देखकर उन्होंने डॉक्टर बनने का सपना देखा। अविरल क्लासेस के निदेशक डीके मिश्रा ने नौवीं कक्षा से उन्हें तैयारी करने की सलाह दी। चार साल की कड़ी मेहनत के बाद कार्तिकेय ने पहले ही प्रयास में रिकॉर्ड अंक हासिल किए।

कार्तिकेय पढ़ाई के अलावा गीत-संगीत, वाद-विवाद में भी पूरी दिलचस्पी लेते हैं। सोशल मीडिया से उन्होंने दूरी बनाकर रखी है। कार्तिकेय का कहना है कि सोशल मीडिया कुछ देर के लिए खुशी देता है, लेकिन तैयारी करने वालों को इस पर अपना समय बर्बाद करने से बचना चाहिए। हर विषय पर फोकस कर पढ़ना, एनसीईआरटी से तैयारी, टापिक वाइज पढ़ाई और नियमित अभ्यास फायदेमंद होता है।

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