उत्तराखंड

11 साल के बच्चे की मौत, हाईवे बंद होने से ततैया से काटने पर नहीं मिल सका इलाज

Admin4
8 Aug 2022 10:21 AM GMT
11 साल के बच्चे की मौत, हाईवे बंद होने से ततैया से काटने पर नहीं मिल सका इलाज
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न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला

स्वांला में मलबा आने से एनएच बंद होने पर रितिक को बनलेख से वापस लाया गया। हालत बिगड़ने पर उसे उप जिला अस्पताल लोहाघाट ले जाया गया जहां उसने दम तोड़ दिया।

उत्तराखंड में टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने का खामियाजा पांचवीं के छात्र को जान देकर भुगतना पड़ा। ततैया ने उसे काटा तो जिला अस्पताल से हल्द्वानी के लिए रेफर कर दिया गया। राजमार्ग बंद होने के कारण उसे वापस लोहाघाट अस्पताल लाया गया जहां उसकी मौत हो गई।

राजकीय प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले पांचवीं के छात्र रितिक (11) पुत्र सुरेश चंद्र थ्वाल शनिवार शाम करीब पांच बजे अपने कुछ साथियों के साथ घर में खेल रहा था। इसी बीच ततैयों के झुंड ने रितिक पर हमला कर दिया। दर्द से बुरी तरह कराह रहे रितिक को जिला अस्पताल ले जाया गया।

डॉ. रवि और डॉ. शहजाद ने बताया कि प्राथमिक इलाज के बावजूद हालात में सुधार न होने पर उसे सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी के लिए रेफर किया गया लेकिन शनिवार रात 10:30 बजे स्वांला में मलबा आने से एनएच बंद होने पर रितिक को बनलेख से वापस लाया गया। हालत बिगड़ने पर उसे उप जिला अस्पताल लोहाघाट ले जाया गया जहां उसने दम तोड़ दिया। रितिक की मौत से परिवार में मातम छा गया। पोस्टमार्टम के बिना शव परिजनों को सौंप दिया गया।

बच्चों की पढ़ाई के लिए शहर आए थे रितिक के माता-पिता

रितिक के माता-पिता बेहद गरीब हैं। चंपावत से 29 किमी दूर बडोली गांव निवासी सुरेश चंद्र थ्वाल बच्चों की पढ़ाई के लिए कुछ साल पहले चंपावत आ गए। यहां किराये पर रहकर सुरेश मजदूरी करते हैं जबकि मां मंजू देवी प्राथमिक स्कूल में भोजनमाता हैं। स्कूल के प्रधानाचार्य कीर्ति बल्लभ गहतोड़ी बताते हैं कि रितिक के माता-पिता बच्चों की पढ़ाई के लिए अपना गांव छोड़ चंपावत आ गए।


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