उत्तराखंड

उत्तराखंड के कुमाऊं में सात और लोगों के मिले शव, बढ़ी मरने वालों की संख्या

Gulabi
20 Oct 2021 4:27 PM GMT
उत्तराखंड के कुमाऊं में सात और लोगों के मिले शव, बढ़ी मरने वालों की संख्या
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कुमाऊं में बेमौसम बारिश के कहर से सात और गढ़वाल में तीन और लोगों की मौत हुई है

कुमाऊं में बेमौसम बारिश के कहर से सात और गढ़वाल में तीन और लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही आपदा की भेंट चढे़ लोगों की संख्या अब 55 हो गई है। वहीं, बुधवार को रामनगर में कोसी में बही बच्ची और कांडा (बागेश्वर) में बारिश के दौरान एक पोस्ट ऑफिस कर्मी लापता हैं। गढ़वाल में 14 लोग लापता बताए गए थे जिनमें देर शाम तीन की मौत की पुष्टि हो गई। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी को फोनकर आपदा में हुए नुकसान की जानकारी ली। बुधवार की देर रात देहरादून में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के डेरा डालने की सूचना है। बृहस्पतिवार को वह प्रदेश के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे।

ताजा मामले में भारी बारिश के साथ आए मलबे की चपेट में आने से लोहाघाट ब्लॉक में नेपाल सीमा से लगे सुल्ला गांव के कैलाश सिंह (32) उनकी पत्नी चंचला देवी (28), उनके दो बेटों रोहित सिंह (12) और भुवन सिंह (8) की मौत हो गई है। 18 घंटे की मशक्कत के बाद शवों को मलबे से निकाला जा सका। पिथौरागढ़ जिले की धारचूला तहसील के दारमा घाटी के ग्राम चल के बुग्याल गए दो लोगों की बर्फ में दबकर मौत हो गई। ग्राम लदुआ ढिकुली में ऊंट की सवारी कराने वाले बिजनौर निवासी इस्लामुद्दीन उर्फ मुंशी की सात वर्षीय बेटी आलिया रामनगर में कोसी नदी के तेज बहाव में बह गई। घटना के वक्त बच्ची बकरियों को चराने नदी किनारे गई थी। बच्ची को बहता देख वहां मौजूद पड़ोस की महिला ने भी तेज पानी में छलांग लगा दी, लेकिन वह बच्ची को नहीं बचा पाई। महिला खुद भी बहती चली गई, उसे किसी तरह बचा लिया गया।

बुधवार को मौसम खुला तो मलबे में दबे लोगों की खोजबीन का काम शुरू हुआ। इस दौरान ओखलकांड के थलाड़ी में एक व्यक्ति की मौत का पता चला। मलबे में ढूंढखोज के दौरान उसका शव बरामद हुआ। इसके अलावा मंगलवार को मलबे में दबे चार और लोगों के शव मलबे में खोजबीन के दौरान निकाले गए। इनमें दो शव कैंची धाम और दो शव बोहराकोट से निकाले गए। सेना के हेलिकॉप्टर ने पांच बार थलाड़ी (ओखलकांडा) के लिए उड़ान भरी।

सीएम धामी ने ट्रैक्टर पर सवार होकर आपदाग्रस्त इलाकों का जायजा लिया
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधरवार को खटीमा, चंपावत और नैनीताल जिले के रामगढ़ क्षेत्र में आपदाग्रस्त इलाकों का जायजा लिया। खटीमा में उन्होंने ट्रैक्टर पर बैठकर जलभराव क्षेत्रों का जायजा लेकर पीड़ितों का जाना हाल। इस दौरान किसानों ने मुआवजे की मांग को लेकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इस दौरान सीएम की फ्लीट में शामिल पुलिस पेट्रोलिंग कार नौसर सड़क पर पानी के तेज बहाव में बह गई थी।
बचाव में जुटे वायुसेना के एमआई-17 समेत पांच हेलीकॉप्टर
आपदा से प्रभावित लोगों की मदद के लिए पंतनगर एयरपोर्ट को एयरबेस बनाया गया है। एमआई-17 समेत वायुसेना के पांच हेलीकॉप्टरों को बचाव कार्य में लगाया गया है।

आपदा से निपटने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से मदद मांगी थी, जिसके बाद प्रदेश में बचाव अभियान चलाने के लिए एयरफोर्स को तैनात किया गया है। केंद्र सरकार से भेजे गए पांच हेलीकॉप्टरों सहित लगभग चालीस सैनिकों ने कुमाऊं प्रभारी आईएएस अधिकारी हरबीर सिंह के नेतृत्व में मंगलवार से बचाव कार्य शुरू कर दिया था।

हरबीर सिंह ने बताया कि सेना व एयरपोर्ट के समन्वय से बुधवार को सात उड़ानों के माध्यम से एनडीआरएफ के 26 जवानों और डॉक्टरों की टीम को ओखलकांडा के खलाड़ी गांव भेजा गया, जिन्होंने मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाला और डॉक्टरों ने मौके पर ही मृतकों का पोस्टमार्टम किया।

बताया कि दो उड़ानें हर्षिल के लिए भरी थीं, जिनमें जवानों ने वहां फंसे पर्वतारोहियों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। जरूरत पड़ने पर रात्रि में भी बचाव कार्य किया जाएगा।
नैनीताल जिले में बारिश से 8242 लाख रुपये का नुकसान
जिला प्रशासन ने दैवीय आपदा से हुए नुकसान का प्रारंभिक आंकड़ा जारी कर दिया है। डीएम की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार जिले को दैवीय आपदा से 8342 का नुकसान हुआ है। इसमें सबसे अधिक नुकसान सिंचाई और लोक निर्माण विभाग को हुआ है। डीएम धीराज गर्ब्याल ने बताया कि ये प्रारंभिक आंकड़ा है, एक सप्ताह में पूरे नुकसान की सही स्थिति का पता चल जाएगा।

हल्द्वानी-लालकुआं तहसील में 102 परिवार बेघर
बारिश के कारण जलभराव होने से हल्द्वानी-लालकुआं तहसील में 102 परिवारों का खाने का सामान बरबाद हो गया। इन्हें तहसील प्रशासन की ओर से गुरुद्वारा सहित अन्य स्थानों पर ठहराया गया है। साथ ही तत्काल 3800-3800 रुपये की आर्थिक मदद भी दी है। तहसीलदार नीतेश डागर ने बताया कि प्रभावितों को तत्काल सहायता राशि दे दी गई है। लालकुआं में एक पक्का मकान क्षतिग्रस्त हुआ है।

बंडिया में पुल बहा, बैराज के गेट टूटे
बंडिया की हंसली नदी पर बना पुल बह गया और बैराज के दो गेट बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गये। इधर, मंगलवार रात पुल पार करते समय एक युवक नदी में बह गया। अल्मोड़ा के भनोली निवासी कुंदन राम (25) पुत्र रमेश राम दो वर्ष से बंडिया क्षेत्र में किराये पर रहता था। वह किसी होटल में काम करता था। मंगलवार रात दस बजे वह घर लौट रहा था। टूटा पुल पार करते समय नदी में बह गया। दिन भर एनडीआरएफ की टीमें युवक को पानी में खोजती रही, लेकिन उसका कुछ भी पता नही चला। पुल टूटने से क्षेत्र में आवाजाही बंद रही।

पुलभट्टा क्षेत्र में बाढ़ राहत शिविर से वापस लौटे सैकड़ों लोगों को अपने घर क्षतिग्रस्त मिले घरेलू सामान पानी में बह गया। क्षेत्र में आई प्राकृतिक आपदा से किसानों को भारी नुकसान पहुंचा है। पीड़ित परिवार जब अपने घरों को वापस लौटे तो सब कुछ तबाह हो चुका था।

घरों का सामान, पलंग, सिलेंडर, बिस्तर, चारपाई, अनाज सब कुछ पानी के तेज बहाव में बह गया था। दर्जनों लोगों के मिट्टी बने घर धराशाही मिले। यहां पर सूरज तालुकदार, सतपाल सिंह, गोपाल बाला, मालती बाला, सुच्चा सिंह, जोगेंद्र सिंह, भजन कौर, गोपाल बाला, सम्पूर्ण सिंह, सुशील, शोभा मजूमदार, सुरेंद्र, गौतम, लालता, गंगा, आमियो फौजदार के घरों का सामान पानी में बह गया जबकि घर टूट गये। टीन के बने घरों में पानी बहता मिला। लोगों ने प्रदेश सरकार से मदद की गुहार की है।
कल्याणी नदी के तेज बहाव में कई मकान बहे
मूसलाधार बारिश से रुद्रपुर में बने बाढ़ जैसे हालात से सबसे अधिक प्रभावित कल्याणी के किनारे बसे लोग हुए हैं। कल्याणी नदी के तेज बहाव की चपेट में आने से कई मकान बह गए हैं। गनीमत रही कि परिवार के लोग समय रहते सुरक्षित स्थानों पर चले गए। उनका घरेलू सामान और अनाज के साथ ही कई लोगों का कीमती सामान पानी की भेंट चढ़ गया। प्रशासन नुकसान के आकलन में जुटा है।

कल्याणी नदी के पास बसे जगतपुरा, भूतबंगला, शिव नगर, मुखर्जी नगर, रविंद्र नगर, पहाड़गंज आदि मोहल्लों में बारिश ने सबसे अधिक कहर बरपाया। कल्याणी नदी के कहर से उफनाया पानी मकानों में घुस गया। कई लोगों के पूरे मकान डूब गए थे। बुधवार को पानी उतरने के बाद लोग दिनभर अपने घरों की सफाई करने और सामान को सुखाते नजर आए। गलियों और छतों में लोग अपना भीगा हुआ सामान सुखाते दिखे। कई लोगों के मकानों में पानी के साथ ही कीचड़ भी घुस गया। किराना स्टोरों में पानी घुसने से सामान खराब हो गया।

भूतबंगला में कल्याणी नदी के तेज बहाव से चार लोगों के मकान बह गए। शिव नगर में भी एक व्यक्ति का मकान टूट गया। मलिन बस्ती ट्रांजिट कैंप में कीचड़ की सबसे अधिक समस्या रही। जगतपुरा और भूतबंगला के लोगों ने बताया कि सोमवार की शाम सात बजे से कल्याणी नदी का जल स्तर बढ़ना शुरू हुआ और 10 बजे रात तक कई मकान पानी में डूब चुके थे। इधर, रुद्रपुर की सिविल लाइन और अग्रेसन चौक से बरसाती पानी की निकासी न होने के कारण बुधवार को भी जलभराव की समस्या रही। आसपास व्यापारी इस असुविधा के लिए नगर निगम को कोसते नजर आए।

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