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विकास खंड के जौलकांडे -बागेश्वर मोटर मार्ग में कटान के बाद सुरक्षा के उपाय न किए जाने से गांव के ढूंगाधारा तोक में जमीन धंस रही है। जगह जगह दरार आने से कई परिवारों की भूमि को खतरा बना हुआ है। वहीं प्रवासी द्वारा कर्ज लेकर प्रारंभ किए रेस्टोरेंट उदयोग को खतरा बना हुआ है। ग्रामीणों ने प्रशासन व लोनिवि से समय रहते सुरक्षा उपाय किए जाने की मांग की है।
ग्राम प्रधान प्रिया उप्रेती, उप प्रधान नैना लोहुमी ने बताया कि ढूंगाधारा तोक में ब्रिटिशकाल से एक पानी का स्रोत है जिसके नाम से तोक का नाम ढूंगाधारा पड़ा। इस स्थान पर बागेश्वर- जौलकांडे मोटर मार्ग के निर्माण के कटान के दौरानविभाग ने दीवार का निर्माण नहीं किया। इधर गत दिनों की बरसात के बाद से यहां पर भूमि धंसाव हो रहा है तथा कई स्थानों में दरारें आ गई हैं। कहा कि यदि समय रहते लोनिवि द्वारा सड़क किनारे सुरक्षा के उपाय नहीं किए तो भविष्य में कई परिवारों की भूमि के साथ ही प्राचीन स्रोत को खतरा उत्पन्न हो सकता है।
बताया कि लाकडाउन के बाद प्रवासी ललित लोहुमी द्वारा ढूंगाधारा में कर्ज लेकर लाखों रूपयों की लागत से रेस्टोरेंट उदयोग की स्थापना की थी। भूमि धंसाव होने के कारण उसके रेस्टोरेंट व आवास को भी खतरा हो चुका है। कई स्थानों में दरार आ चुकी है। उन्होंने बताया कि यदि प्रशासन व लोनिवि समय पर नहीं चेता तो आने वाले समय में ढूंगाधारा तोक के कई परिवारों की भूमि को खतरा उत्पन्न हो सकता है उन्होंने जिलाधिकारी से संबंधित अधिकारियों से क्षेत्र का दौरा करवाकर समय रहते सुरक्षा उपाय किए जाने की मांग की है।
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