देहरादून न्यूज़: वन विभाग में साइबर सुरक्षा को लेकर खास इंतजाम नहीं है. स्थिति यह है कि विभाग के ज्यादातर डीएफओ से लेकर पीसीसीएफ तक विभागीय कामकाज के लिए सरकारी मेल के बजाए प्राइवेट मेल इस्तेमाल कर रहे हैं. इससे विभागीय डाटा लीक होने सहित तमाम तरह के खतरों की आशंका है.
एनआईसी ने सभी विभागों की वेबसाइट सहित तमाम सरकारी कामों के लिए हर जिम्मेदार अफसर की सरकारी मेल आईडी भी तैयार की है. जो कि सभी को इस्तेमाल भी करनी है. लेकिन वन विभाग और वन निगम के अफसर एनआईसी के बजाए निजी मेलों का इस्तेमाल कर रहे हैं. सभी तरह के टेंडर के लिए और विभागीय सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए भी इन्हीं मेलों को इस्तेमाल होता है. इससे डाटा लीक होने की आशंका रहती है. इसके अलावा प्राइवेट सर्वर के चलते डाटा चोरी या हैकिंग का भी खतरा है.
सरकार ने भी विभागों को साइबर सुरक्षा के चलते सरकारी मेल प्रयोग करने के निर्देश दिए हैं. बाघों की दृष्टि से अति संवेदशनशील माने जाने वाले कार्बेट और राजाजी पार्क प्रशासन की ओर से भी ज्यादातर विभागीय काम को निजी मेल का इस्तेमाल किया जा रहा है. हालांकि पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ एनआईसी की मेल का इस्तेमाल किया जा रहा है. प्राइवेट मेल जैसे याहू, जीमेल, रेडिफमेल या हाटमेल के सर्वर इन्हीं कंपनियों के पास हैं. ऐसे में इन मेल में जाने वाला सारा डाटा कंपनी के पास पहुंचता है. जो उनके सर्वर पर ही सेव होगा. ऐसे में उसके लीक होने की आशंका रहती है. लेकिन एनआईसी का सर्वर सरकार के पास है. ऐसे में इस मेल से जाने या आने वाला सारा डाटा सरकार के पास ही सेव होता है.
सभी को एनआईसी:
की मेल आईडी अलॉट
की गई है. इसके इस्तेमाल के
निर्देश भी दे दिए गए हैं. कई बड़े
अफसर समेत ज्यादातर कार्मिक
इसका इस्तेमाल नहीं कर रहे जो
गलत है. एनआईसी की मेल
आईडी इस्तेमाल करने के निर्देश
सख्ती से जारी किए जाएंगे.
-बीपी गुप्ता, एपीसीसीएफ प्रशासन