
देहरादून: साइबर क्राइम में फाइनेंसियल धोखाधड़ी से लेकर किसी भी तरह की दस्तावेजों की गुमशुदगी, वाहन चोरी जैसे मामलों में अब शिकायतकर्ता को थाने या साईबर पुलिस स्टेशन के चक्कर काटने नहीं होंगे. भारत सरकार द्वारा संचालित Crime and criminal Tracking Network Systems (CCTNS) योजना के तहत उत्तराखंड में e-FIR पंजीकृत करने का शासनादेश लागू कर दिया गया है. राज्यपाल की स्वीकृति के बाद अपर मुख्य सचिव गृह राधा रतूड़ी ने आधिकारिक रूप जारी कर दिया है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीसीटीएनएस योजना के अंतर्गत देहरादून साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को ई-थाना (e-thana) अधिकृत कर दिया है. ऐसे में उत्तराखंड राज्य की अधीन सभी जिलों में कोई भी सामग्री/अभिलेखों की गुमशुदगी एवं वाहन चोरी जैसे अन्य आपराधिक प्रकरणों में अब शिकायकर्ता घर बैठे e-FIR पंजीकृत करा सकेगा.
e-FIR शासनादेश के मुताबिक दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 2 के खंड(घ) सहपठित उत्तराखंड पुलिस अधिनियम 2007 (अधिनियम संख्या- 1, वर्ष 2008) की धारा 7 की उपधारा (1) के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने CCTNS योजना के तहत उत्तराखंड में e-FIR को लागू किया है.