उत्तराखंड

सीमली गांव का प्राचीन शिव मंदिर में शिवरात्रि और सावन के महीने में मंदिर पर श्रद्धालुओं की भीड़

Tara Tandi
8 March 2024 7:28 AM GMT
सीमली गांव का प्राचीन शिव मंदिर में शिवरात्रि और सावन के महीने में मंदिर पर श्रद्धालुओं की भीड़
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देहरादून : सीमली गांव में स्थित प्राचीन शिव मंदिर की महिमा अपरंपार है। जो भी भक्त यहां श्रद्धा भाव से आते हैं। भगवान शिव उनकी मनोकामना निश्चित रूप से पूरी करते हैं। वर्षों पहले एक ब्राह्मण परिवार को यहां जमीन पर शिव पिंडी दिखी थी। तब से यह स्थान लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है।
लक्सर तहसील क्षेत्र में अनेक प्राचीन मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बने हुए हैं। इनमें लक्सर कस्बे के सीमली गांव का प्राचीन शिव मंदिर की भी अपनी अलग ही महत्ता है। वैसे तो यहां पर वर्ष भर श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है। लेकिन शिवरात्रि और सावन के महीने में मंदिर पर श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ जाती है। ग्रामीणों की मानें तो मंदिर पर जो भी सच्चे मन से मन्नत मांगता है। वह हमेशा पूरी होती है।
ग्रामीण बताते हैं कि वर्षों पहले एक ब्राह्मण परिवार को जमीन पर शिव पिंडी दिखाई दी थी। उन्होंने वहां पर मंदिर का निर्माण कराया था। तभी से यह स्थल ग्रामीणों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। ग्रामीण शेखर चौधरी, अरविंद कुमार, सुशांत कुमार, वासु शर्मा व अभिनव शर्मा व आदि का कहना है कि शादी के बाद वैवाहिक जीवन में बंधने वाले वर-वधु भी मंदिर पर पहुंचकर अपने सुखी दांपत्य की भगवान से कामना करते हैं।
अनेक स्थानों से श्रद्धालु जलाभिषेक करने हैं पहुंचते
मंदिर पर सावन के सोमवार को अनेक भंडारों का आयोजन भी किया जाता है। यहां मुख्य रूप से इलायची दाने का प्रसाद चढ़ाया जाता है। पुजारी पंडित अरविंद शर्मा ने बताया की शिवरात्रि के दिन यहां अनेक स्थानों से श्रद्धालु जलाभिषेक करने आते हैं।
मंदिर के पास था प्राचीन कुआं
प्राचीन शिव मंदिर के पास एक पुराना कुआं भी था। जिस पर वर्षों पहले सीमली गांव के अलावा आसपास के गांव के ग्रामीण भी पानी लेने के लिए आते थे। कई बार क्षेत्र में सूखा पड़ने की स्थिति पैदा हुई। लेकिन अब तक कभी भी कुएं का पानी नहीं सूखा। लेकिन कुछ वर्ष पहले कुआं बंद कर उसके ऊपर माता काली के मंदिर का निर्माण कर दिया गया है।
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