उत्तराखंड

धारा-376 का गलत इस्तेमाल करने वाली महिलाओं को कोर्ट ने चेताया

Harrison
22 July 2023 4:24 PM GMT
धारा-376 का गलत इस्तेमाल करने वाली महिलाओं को कोर्ट ने चेताया
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नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कहा कि इन दिनों एक महिला और उसके पुरुष साथी के बीच मतभेद पैदा होने पर महिलाओं द्वारा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-376 के तहत दुष्कर्म के लिए दंडित करने वाले कानून का एक हथियार की तरह दुरुपयोग किया जा रहा है।
न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकल पीठ ने यह टिप्पणी एक मामले की सुनवाई के दौरान की, जिसमें एक महिला ने अपने पूर्व साथी के उससे शादी करने से इनकार करने के बाद उस पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। उच्चतम न्यायालय ने भी बार-बार इस बात को दोहराया है कि एक पक्ष के शादी से मुकर जाने की स्थिति में वयस्कों के बीच आपसी सहमति से बनाए गए शारीरिक संबंध को दुष्कर्म नहीं करार दिया जा सकता।उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने टिप्पणी की कि महिलाएं मतभेद पैदा होने सहित अन्य कारणों से इस कानून का अपने पुरुष साथियों के खिलाफ धड़ल्ले से दुरुपयोग कर रही हैं। न्यायमूर्ति शरद शर्मा ने एक महिला को शादी का झांसा देकर उसके साथ कथित तौर पर यौन संबंध बनाने के आरोपी व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द करते हुए पांच जुलाई को यह टिप्पणी की।
महिला ने 30 जून 2020 को शिकायत दायर कर कहा था कि आरोपी मनोज कुमार आर्य उसके साथ 2005 से आपसी सहमति से यौन संबंध बना रहा था। शिकायत के अनुसार, दोनों ने एक-दूसरे से वादा किया था कि जैसे ही उनमें से किसी एक को नौकरी मिल जाएगी, वे शादी कर लेंगे।शिकायक के मुताबिक, शादी के वादे के तहत ही आरोपी और शिकायतकर्ता ने शारीरिक संबंध स्थापित किए थे, लेकिन आरोपी ने बाद में दूसरी महिला से शादी कर ली और इसके बाद भी उनका रिश्ता जारी रहा।
उच्च न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए कहा कि आरोपी व्यक्ति के पहले से शादीशुदा होने की जानकारी होने के बाद भी जब शिकायतकर्ता ने स्वेच्छा से संबंध बनाए रखे थे, तो उसमें सहमति का तत्व खुद ही शामिल हो जाता है।अदालत ने कहा कि शादी के आश्वासन की सच्चाई की जांच आपसी सहमति से किसी संबंध में प्रवेश करने के प्रारंभिक चरण में की जानी चाहिए, न कि उसके बाद के चरणों में। उच्च न्यायालय ने कहा कि प्रारंभिक चरण उस सूरत में नहीं माना जा सकता है, जब रिश्ता 15 वर्ष लंबा चला हो और यहां तक कि आरोपी की शादी के बाद भी जारी रहा हो।
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