अदालत ने किशोरी को भगाने और दुष्कर्म के सहयोगी को पांच साल की सजा सुनाई
हल्द्वानी: किशोरी को भगाने और उसके साथ हुए दुष्कर्म की घटना में सहयोग करने वाले को 4 साल बाद 5 साल की सजा सुनाई गई। जबकि मुख्य आरोपी नाबालिग है और उसका मामला जुवेनाइल न्यायालय में विचाराधीन है। चार साल पहले हुई इस घटना में डेढ़ माह बाद किशोरी को बरामद किया गया था।
एडीजीसी फौजदारी नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि 11 मई 2019 को रामनगर क्षेत्र से 14 वर्षीय किशोरी लापता हो गई थी। डेढ़ माह बाद पुलिस ने किशोरी को एक किशोर और युवक के साथ पकड़ा था। किशोरी को भगाने और दुष्कर्म में मोतीमहल रामनगर निवासी अंशुल सक्सेना ने सहयोग किया था।
मामले में एडीजीसी ने 11 गवाह पेश किए। मंगलवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश स्पेशल जज पॉक्सो नंदन सिंह ने अभियुक्त अंशुल सक्सेना को भगाने और दुष्कर्म की घटना में सहयोग करने का दोषी मानते हुए पांच-पांच साल की सजा सुनाई।