नैनीताल: कार्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ वन प्रभाग में टाइगर सफारी के नाम पर कथित अवैध निर्माण व पेड़ों के पातन के आरोप में जेल में बंद भारतीय वन सेवा के पूर्व अधिकारी किशन चंद के जमानत यााचिका पर एक मार्च यानि बुधवार को सुनवाई होगी।
आरोपी के जमानत याचिका पर सोमवार को न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की पीठ में सुनवाई हुई। सरकार की ओर से आपत्ति पेश नहीं की जा सकी जिसके चलते सुनवाई टल गई। सरकार की ओर से आपत्ति पेश करने के लिए चौबीस घंटे की मोहलत मांगी गई जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।
आरोपी की ओर से जमानत याचिका में स्वास्थ्य कारणों को आधार बनाया गया है। कहा गया है कि वह गंभीर रूप से बीमार हैं। जेल में उसे उचित उपचार नहीं मिल पा रहा है। इससे पहले अदालत ने किशन चंद के जमानत याचिका पर सरकार का पक्ष सुने बगैर जमानत देने से इनकार कर दिया था। यहां बता दें कि किशन चंद पर सीटीआर के कालागढ़ वन प्रभाग के पाखरो व मोरघट्टी में टाइगर सफारी के नाम पर बिना अनुमति के अवैध निर्माण करवाने और पेड़ों के पातन का आरोप है।
उच्च न्यायालय के निर्देश पर सरकार ने किशन चंद को निलंबित कर दिया। साथ ही प्रकरण की जांच सतर्कता विभाग को सौंप दी। सतर्कता विभाग ने कुछ समय पहले किशन चंद को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया था।