उत्तराखंड

उत्तराखंड में फिर डराने लगा कोरोना, पिछले 24 घंटे में 59 नए संक्रमित मरीज मिले, देहरादून जिले में सबसे ज्यादा केस

Renuka Sahu
31 Dec 2021 4:37 AM GMT
उत्तराखंड में फिर डराने लगा कोरोना, पिछले 24 घंटे में 59 नए संक्रमित मरीज मिले, देहरादून जिले में सबसे ज्यादा केस
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फाइल फोटो 

उत्तराखंड में कोरोना मरीजों की संख्या में बुधवार की तुलना में गुरुवार को बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तराखंड में कोरोना मरीजों की संख्या में बुधवार की तुलना में गुरुवार को बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बुधवार को मरीजों की संख्या 38 थी। गुरुवार को 59 मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई। राज्यभर में लंबे समय बाद एक ही दिन में इतने मरीज मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के अनुसार, गुरुवार को देहरादून में सबसे अधिक 25, नैनीताल में 12, यूएसनगर में नौ और हरिद्वार में सात नए मरीज मिले। बागेश्वर में दो, चमोली में एक, पिथौरागढ़ में दो और उत्तरकाशी में एक नया मरीज मिला। 16 मरीज इलाज के बाद डिस्चार्ज किए गए। राज्यभर में एक्टिव मरीजों की संख्या अब 255 हो गई है। गुरुवार को भी राज्यभर में काफी कम सैंपलों की जांच हुई और महज 16 हजार सैंपलों की रिपोर्ट आई। 19 हजार सैंपल जांच के लिए भेजे गए। संक्रमण दर 0.35 और ठीक होने की दर 95 प्रतिशत है। गुरुवार को 49 हजार लोगों को कोरोनारोधी टीके लगाए गए।

ओमीक्रोन: केस बढ़े तो सबकी जीनोम सिक्वेंसिंग मुश्किल होगी
उत्तराखंड में कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन के अब तक चार मामले सामने आ चुके हैं। सरकार ने सभी संक्रमितों की जीनोम सिक्वेंसिंग का फैसला किया है, लेकिन अभी केवल दून मेडिकल कॉलेज की लैब में ही जांच होने से परेशानी खड़ी हो सकती है। क्योंकि, करीब सवा माह लैब को शुरू हो गए हैं, यहां से 177 सैंपलों की रिपोर्ट ही आई है। हल्द्वानी-श्रीनगर में जीनोम जांच की योजना थी, लेकिन वह अभी तक परवान नहीं चढ़ सकी है। दून की लैब में 140 सैंपलों की रिपोर्ट लंबित है।
विशेषज्ञ बोले-ओमीक्रोन की रोकथाम की जरूरत
विशेषज्ञों की मानें तो सभी सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग आसान नहीं है। यह लंबी प्रक्रिया है। अगर 100 सैंपल की सिक्वेंसिंग करते हैं और उसमें 40 में ओमीक्रोन की पुष्टि होती है तो मान लेना चाहिए कि ओमीक्रोन लोगों के बीच पहुंच गया है। फिर सभी सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग की जरूरत नहीं है, बल्कि इसकी रोकथाम पर काम करने की जरूरत है। दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि जीनोम सिक्वेंसिंग में चार से छह दिन लगते हैं। श्रीनगर-हल्द्वानी में भी जीनोम सिक्वेंसिंग की तैयारी है। इसके बाद एक लैब पर दबाव नहीं रहेगा। हम एक माह में एक हजार सैंपलों की जांच का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।
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