उत्तराखंड

वीपीडीओ भर्ती परीक्षा में ओएमआर शीट से छेड़छाड़ की हुई पुष्टि, खुले विजिलेंस जांच में कई राज

Renuka Sahu
31 Aug 2022 4:51 AM GMT
Confirmation of tampering of OMR sheet in VPDO recruitment examination, many secrets in open vigilance investigation
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फाइल फोटो 

2016 में हुई ग्राम पंचायत विकास अधिकारी की भर्ती की जांच विजिलेंस ने स्टेटस रिपोर्ट के साथ गृह विभाग को सौंप दी है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। 2016 में हुई ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (वीपीडीओ) की भर्ती की जांच विजिलेंस ने स्टेटस रिपोर्ट के साथ गृह विभाग को सौंप दी है। सूत्रों के अनुसार, इसमें भी ओएमआर शीट में छेड़छाड़ की पुष्टि हुई है। गृह विभाग एक दो दिन में जांच एसटीएफ को सौंप सकता है।

वीपीडीओ भर्ती में नकल का मामला सामने आने पर सरकार ने तत्कालीन एसीएस डॉ.रणवीर सिंह से इसकी शुरुआती विभागीय जांच कराई थी।
इसमें ओएमआर शीट में छेड़छाड़ का संदेह व्यक्त किया गया था। इसके बाद मामला विजिलेंस को सौंपा गया। केस दर्ज करते हुए विजिलेंस ने जांच करीब-करीब पूरी कर ली थी पर गत सप्ताह सरकार ने उक्त जांच भी एसटीएफ के हवाले करने के आदेश जारी कर दिए। इस पर विजिलेंस ने जांच रोकते हुए, अब तक की स्टेटस रिपोर्ट सतर्कता विभाग को सौंप दी। यहां से फाइल विधिवत रूप से गृह विभाग के जरिए पुलिस को भेजी जा रही है।
अधिकारी के घर पर स्कैन हुई ओएमआर शीट : सूत्रों के अनुसार, विजिलेंस की स्टेटस रिपोर्ट में ये बात साफ तौर पर आई है कि भर्ती में ओएमआर शीट से छेड़छाड़ करते हुए,चहेतों के नंबर मनमाने तरीके से बढ़ाए गए। यह बात फॉरेंसिक जांच में भी सामने आई। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि ओएमआर की स्कैनिंग आयोग के अधिकारी के घर की जा रही थी। यह बेहद गंभीर है।
इससे इस प्रकरण में आयोग के तत्कालीन अफसरों की मुश्किलें बढ़ना तय है। सूत्रों के अनुसार, विजिलेंस इस प्रकरण में गवाहों के भी बयान दर्ज कर चुकी है। कई लोग नकल का वर्तमान प्रकरण खुलने के बाद खुद बयान दर्ज कराने के लिए आगे आए हैं। इधर, परीक्षा धांधली से जुड़ा मुकदमा वापस करने के बाद अब विजिलेंस ने आरोपियों की संपत्ति की जांच शुरू कर दी है।
इसमें कुछ आरोपियों के पास रिजॉर्ट, फार्म हाउस होने तक की सूचना है। साथ ही कुछ लोग खनन कारोबार से भी जुड़े बताए जाते हैं। विजिलेंस मूल रूप से आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में ही जांच करती है।
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