देहरादून न्यूज़: उत्तराखंड के सहकारिता से जुड़े मिनी बैंकों और सहकारी समितियों की जांच पड़ताल होगी. निष्क्रिय और सिर्फ चुनावी गुणा भाग के लिहाज से तैयार समितियों को सहकारिता चुनाव से पहले समाप्त किया जाएगा.
उत्तराखंड में मिनी बैंकों व सहकारी समितियों के चुनाव जल्द होने हैं. इस क्रम में सदस्यता अभियान शुरू कर दिया गया है. रजिस्ट्रार कोऑपरेटिव आलोक पांडे ने मिनी बैंकों और समितियों की जांच के आदेश कर दिए हैं. आदेश में उन्होंने साफ किया है कि जिन समितियों में 75 प्रतिशत तक वसूली हो रही है, सिर्फ उन्हें ही चुनाव में भाग लेने का मौका दिया जाएगा. जांच समितियों की नियमित बैठकों के साथ ही आय-व्यय के ब्यौरे की पड़ताल की जाएगी ताकि समितियों की सक्रियता प्रमाणित हो सके.
पिछले चुनाव में दो हजार से ज्यादा समितियां हुई थीं भंग
पांच साल पहले हुए सहकारिता चुनाव के दौरान भी बड़ी संख्या में समितियों को भंग किया गया था. तब भी समितियों के कागजी होने का ही तर्क दिया गया था. उस दौरान कांग्रेस ने सरकार पर कार्रवाई के नाम पर भेदभाव का आरोप लगाया था.
सभी समितियों की जांच पड़ताल कराई जा रही है. इस पड़ताल का मकसद निष्क्रिय समितियों को चिन्हित करना है. इसके लिए समितियों की गतिविधियों और आय-व्यय समेत अन्य पहलुओं की गहन जांच-पड़ताल की जाएगी.
-आलोक पांडे, रजिस्ट्रार सहकारिता