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उल्हासनगर : उल्हासनगर महानगरपालिका (Ulhasnagar Municipal Corporation) ने पिछले तीन महीने से पूंजी मूल्य आधारित कर व्यवस्था अर्थात कैपिटल वेल्यू प्रॉपर्टी टैक्स (Capital Value Property Tax) के रूप में शहर के प्रॉपर्टी धारकों को बड़ी-बड़ी राशि के बिल भेजकर उल्हासनगर वासियों की रातों की नींद हराम कर दी थी, अंतत: विधायक कुमार आयलानी (MLA Kumar Aylani) और पूर्व मेयर लीलाबाई आशान (Former Mayor Lilabai Ashan) के प्रयासों से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) ने ऊक्त टैक्स को स्थगिती देकर उल्हासनगर वासियों को राहत दी है। इस टैक्स का विरोध व्यापारियों सहित शहर के नागरिक एनजीओ के माध्यम से कर रहे थे। गौरतलब है कि उल्हासनगर महानगरपालिका क्षेत्र में महानगरपालिका के गृह कर विभाग गत तीन महीने से संपत्ति धारकों को वर्ष 2016-17 से यानि पिछले 5 वर्षों से पूंजीकृत मूल्य आधारित कर निर्धारण प्रणाली का नोटिस दिया जा रहा था। उक्त नोटिसों में नागरिकों से भारी मात्रा में संपत्ति कर भरने संबंधी नोटिस भेजी गई है और इसकी वसूली के लिए बाकायदा कई कर्मचारियों की नियुक्ति भी कर रखी है। यदि पूंजीगत मूल्य पर आधारित संपत्ति कर लागू किया जाता है। तो नागरिकों के संपत्ति कर में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इसलिए, व्यापारी और नागरिक निराश थे क्योंकि पिछले पांच वर्षों से नियमित रूप से संपत्ति कर का भुगतान करने वाले नागरिकों को उसी वर्ष के लिए फिर से चार्ज किया जा रहा था।
महानगरपालिका की वित्तीय आय भी प्रभावित होने की उम्मीद थी पिछले दो वर्षों में कोविड-19 महामारी के कारण हुए लॉकडाउन के कारण नागरिकों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हुई है। अधिकांश नागरिकों की नौकरियां और व्यवसाय भी प्रभावित हुए हैं। यदि पूंजीगत मूल्य पर आधारित संपत्ति कर लागू किया जाता है। तो नागरिकों पर भारी वित्तीय बोझ होगा। नतीजतन नागरिकों द्वारा संपत्ति कर का भी भुगतान करने की संभावना भी कम ही है। इससे महानगरपालिका की वित्तीय आय भी प्रभावित होने की उम्मीद थी। इसलिए उल्हासनगर के बीजेपी विधायक कुमार आयलानी और पूर्व महापौर लीलाबाई आशान ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से इस कर प्रणाली को तत्काल रद्द करने की मांग की। साथ ही मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को यह भी बताया गया कि इस तरह का कोई टैक्स अब तक ठाणे जिले की अन्य किसी भी महानगरपालिका ने नहीं थोपा है। अतः उल्हासनगर के नागरिकों के साथ एक प्रकार से अन्याय होगा। यह मामला पूर्व नगरसेवक अरुण आशान, नाना बागुल, कलवंत सिंह सोहटा द्वारा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के संज्ञान में लाया गया। ऊक्त टैक्स को अगले आदेश तक स्थगित करने के आदेश दिए है इसके बाद उल्हासनगर महानगरपालिका से रिपोर्ट मांगी गई है और गुरुवार को नगर विकास विभाग के अवर सचिव एएस मुत्याल ने महानगरपालिका कमिश्नर अजीज शेख को आदेश जारी कर ऊक्त टैक्स को अगले आदेश तक स्थगित करने के आदेश दिए है। उल्हासनगर शॉपकीपर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक छतलानी ने इस आदेश का स्वागत करते हुए पूर्व मेयर आशान और विधायक कुमार आयलानी का आभार प्रकट किया है।
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