उत्तराखंड
नजीबाबाद-अफजलगढ़ बाईपास को बनाए जाने की CM पुष्कर सिंह धामी की केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मांग, कुमाऊं-गढ़वाल के बीच दूरी होगी कम
Renuka Sahu
9 Aug 2022 5:05 AM GMT
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फाइल फोटो
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के आग्रह पर उत्तराखंड की कई अहम सड़कों के निर्माण की सहमति दे दी है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के आग्रह पर उत्तराखंड की कई अहम सड़कों के निर्माण की सहमति दे दी है। इन में दून में रिंग रोड, नजीबाबाद-अफजलगढ़ बाईपास, मझोला-खटीमा और सितारगंज से टनकपुर तक फोरलेन शामिल हैं। गडकरी ने हाईवे निर्माण के कारण खतरे में आने वाले भवनों का मुआवजा देने पर भी सहमति जताई है।
मुख्यमंत्री ने कुमाऊं और गढ़वाल के बीच दूरी कम करने के लिए नजीबाबाद-अफजलगढ़ बाईपास को बनाए जाने की जरूरत बताई। इस पर केंद्रीय मंत्री ने जल्द इस परियोजना पर काम शुरू कराने का वादा किया। यह मार्ग बनने से गढ़वाल और कुमाऊं के बीच की दूरी 20 किमी कम होगी और सफर 45 मिनट कम हो जाएगा।
साथ ही मझोला से खटीमा और सितारगंज से टनकपुर मोटर मार्ग को भी फोर लेन में बदलने पर सहमति बनी। मुख्यमंत्री ने सोमवार को नई दिल्ली में नितिन गडकरी से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण के दौरान परियोजना के तहत अधिग्रहित भूमि से ऊपर व नीचे भवन एवं अन्य संपत्तियों को नुकसान पहुंच रहा है। उन्होंने इसका मुआवजा देने का आग्रह किया। गडकरी ने इस पर सहमति जताई है। उत्तराखंड के अलावा अन्य हिमालयी राज्यों को भी इसका लाभ मिलेगा।
ऑलवेदर की तर्ज पर बनेगी अस्कोट रोड: मुख्यमंत्री धामी ने पिथौरागढ़ से अस्कोट तक 47 किमी सड़क को भी ऑलवेदर परियोजना की तरह बनाने का आग्रह किया। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने इस पर सहमति देते हुए कहा कि बीआरओ से यह काम कराया जाएगा। गडकरी ने इस दौरान ऑल वेदर रोड परियोजना के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि परियोजना के तहत 53 कार्यों में से 41 कार्य मंजूर किए जा चुके हैं। 19 कार्य अभी तक पूरे हो चुके हैं और 22 पर काम चल रहा है।
शिमला बाईपास के समीप बनेगा लॉजिस्टिक हब
मुख्यमंत्री ने देहरादून में ट्रैफिक के दबाव को देखते हुए रिंग रोड निर्माण का भी अनुरोध किया। इस पर केंद्रीय मंत्री ने करीब 115 किमी लम्बी रिंग रोड के फिजिबिल्टी सर्वे को मंजूरी देने के साथ ही हाईवे के आसपास 1100 एकड़ भूमि पर लाजिस्टिक हब बनाने पर भी सहमति जताई। लोनिवि के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने बताया कि शिमला बाईपास के समीप लॉजिस्टिक हब की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। इसके लिए बजट केंद्र सरकार की ओर से उपलब्ध कराया जाएगा।
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