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उत्तराखंड | बाघों की गणना के बाद अब उत्तराखंड में शुक्रवार को गुलदारों की संख्या के आंकड़े भी जारी कर दिए जाएंगे। शुक्रवार को सचिवालय में होने वाली राज्य वन्य जीव बोर्ड की मीटिंग में सीएम पुष्कर सिंह धामी ये आंकड़े जारी करेंगे। गुलदार के साथ ही बंदर और लंगूर की संख्या के आंकड़े भी जारी किए जाएंगे। गुलदार, बंदर, लंगूरों की गणना भारतीय वन्य जीव संस्थान और वन विभाग ने कंबाइन रूप से की है।
उत्तराखंड में ये गुलदार, बंदर, लंगूर तीनों ही लोगों के लिए सबसे बड़ी मुसीबत बने हुए हैं। पहाड़ों में बंदरों के कारण लोगों ने खेती करना छोड़ दिया, तो गुलदार के कारण कई क्षेत्रों में आज भी कर्फ्यू जैसी स्थिति बनी हुई है। उत्तराखंड में 2008 में आखिर बार गुलदारो की गणना की गई थी। तब कुल गुलदारों की संख्या 2,335 थी।
कितनी है गुलदार और बाघों की संख्या?
उत्तराखंड में गुलदारों की संख्या अब 2,500 से ज्यादा हो गई है, वहीं बाघों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. बाघों की संख्या बढ़कर 442 हो गई है. इन आकंड़ों के बाद वन विभाग राहत की सांस ले रहा है. 2008 के बाद ताजे आंकड़े राहत देने वाले हैं.
प्रदेश में बाघों की संख्या
उत्तराखंड में साल 2010 में महज 227 बाघ थे. संरक्षित होने के बाद भी इनकी संख्या घटती जा रही थी लेकिन 2014 का आंकड़ा वन विभाग के लिए अच्छा रहा. 2014 में 340 बाघ थे, वहीं 2019 में बाघों की संख्या में इजाफा हुआ और उनकी संख्या 442 तक बढ़ गई. बाघों की संख्या ठीक ढंग से आगे बढ़ रही है.
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