उत्तराखंड

CM धामी ने लिया कुल्लड़ में चाय का आनंद

Gulabi Jagat
11 Jun 2022 3:18 PM GMT
CM धामी ने लिया कुल्लड़ में चाय का आनंद
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धामी ने लिया कुल्लड़ में चाय का आनंद
प्राचीन कुम्हार हस्तकला को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य सचिवालय और मुख्यमंत्री आवास में मिट्टी के कुल्हड़ में चाय देने की शुरुआत की जाए। वह शुक्रवार को राज्य सचिवालय में कुम्हारी हस्तकला को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सरकार कुम्हार हस्तकला से जुड़े लोगों को मुफ्त मिट्टी उपलब्ध कराएगी। साथ ही इस कला को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से भी जोड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान सचिवालय में मिट्टी से बने गिलास में चाय की चुस्कियां भी लीं। उन्होंने कहा कि कुम्हारी कला समृद्ध एवं प्राचीन हस्तकला है।
उत्तराखंड में अनेक परिवार इस कला से जुड़े हैं। केंद्र सरकार की कुम्हार सशक्तीकरण योजना का उद्देश्य कुम्हारी हस्तकला को पुनर्जीवित करना एवं समाज के सबसे कमजोर वर्गों में से एक कुम्हार समाज को सामाजिक एवं आर्थिक रूप से सशक्त कर विकास की मुख्यधारा में वापस लाना है।
सीएम पुष्कर सिंह धामी
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कुम्हारों को मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए पर्याप्त मात्रा में उन्नत मिट्टी उपलब्ध हो, इसके लिए ऐसी मिट्टी वाली भूमि का चिन्हीकरण किया जाए। चिन्हित भूमि से कुम्हारों को आवश्यकतानुसार एवं मानकों के हिसाब से मुफ्त मिट्टी उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्हार हस्तकला को राज्य में बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री आवास एवं सचिवालय में मिट्टी से बने गिलासों में चाय देने की शुरुआत की जाए। इसे व्यापक स्तर पर प्रदेश भर में बढ़ावा दिया जाए। मुख्यमंत्री एवं अधिकारियों ने सचिवालय में मिट्टी के गिलासों में चाय पीकर इसकी शुरुआत की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि तीन माह में कुम्हारी कला की अगली समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कुम्हारी हस्तकला को बढ़ावा देने के लिए एक पोर्टल बनाया जाए। इस विद्या से जुड़े लोगों के सुझावों को ध्यान में रखते हुए, उन्हें हरसंभव मदद दी जाए। देश के विभिन्न क्षेत्रों में हुनर हाटों में हस्तकला से जुड़े लोगों को भेजा जाए। इस क्षेत्र से जुड़े लोगों के उचित प्रशिक्षण की व्यवस्था भी हो। कुम्हारी कला ईकोलॉजी के लिए भी अच्छा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना जरूरी है। दीपावली के पर्व पर कुम्हारों द्वारा निर्मित दीपक एवं अन्य उत्पादों की खरीद के लिए लोगों को प्रेरित भी किया जाए।
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