मौसम विभाग की ओर से उत्तराखंड में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, सात जिलों में लगातार तीन दिनों तक भारी बारिश की संभावना है। कुछ इलाकों में अत्यंत भारी बारिश हो सकती है। मंगलवार से अगले तीन दिन सरकार, शासन, जिला प्रशासन के साथ ही आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों को 24 घंटे सतर्क रहने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मौसम विभाग की ओर से दी गई भारी वर्षा की चेतावनी के दृष्टिगत सभी मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को आपदा से संबंधित किसी भी चुनौती से निपटने के लिए हर समय तैयार रहने के निर्देश दिए हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन की दृष्टि से हर स्तर पर सतर्कता बरती जाए।
इस संबंध में सभी विभागों से आपसी समन्वय से कार्य करने को कहा गया है। कहा कि आपदा की दृष्टि से जिओ टेगिंग के साथ तैनात जेसीबी को हर समय तैयार रखा जाए। आपदा से संबंधित संभावित स्थलों पर इनकी पर्याप्त संख्या सुनिश्चित होनी चाहिए ताकि बंद रास्तों को तुरंत खोला जा सके। इसके अलावा एसडीआरएफ एवं एनडीआरएफ की टीमों को किसी भी आपदा की स्थिति में कम से कम समय में बचाव व राहत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने पर्यटकों और जनसामान्य से भी अपील की है कि भारी बारिश की संभावना को देखते हुए नदियों एवं बरसाती नालों की तरफ न जाएं। उन्होंने कहा कि वर्षाकाल में अत्यधिक वर्षा को देखते हुए पर्वतीय जनपदों में 69 खाद्यान्न गोदामों को चिन्हित कर उनमें तीन माह का अग्रिम राशन भेजा जा चुका है। इस दौरान लोक निर्माण विभाग की ओर से बंद मार्गों को खोलने के लिए कुल 396 जेसीबी मशीनों को लगाया गया है। इसके अलावा सिंचाई विभाग की ओर से प्रत्येक जिले में बाढ़ नियंत्रण कक्ष और देहरादून में केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण केंद्र की स्थापना की गई है।
तीन दिनों तक भारी बारिश की संभावना
पिछले कई दिनों से मानसून की बेरुखी के बाद मंगलवार से देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, चंपावत, ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार में भारी बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग की ओर से ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, इन सात जिलों में कल से लगातार तीन दिनों तक भारी बारिश की संभावना है। कुछ इलाकों में अत्यंत भारी बारिश हो सकती है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक एवं वरिष्ठ मौसम विज्ञानी विक्रम सिंह ने बताया कि मंगलवार से अगले तीन दिन सरकार, शासन, जिला प्रशासन के साथ ही आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों को 24 घंटे सतर्क रहने की जरूरत है।
भूस्खलन संभावित इलाकों में बसे लोगों को सावधान रहने की जरूरत
नदियों, नालों के किनारे बसे लोगों के साथ ही भूस्खलन संभावित इलाकों में बसे लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। इस संबंध में सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग को रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। वहीं, दून व आसपास के इलाकों में भारी बारिश की संभावना को देखते हुए डीएम सोनिका ने आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों को अलर्ट रहने के आदेश दिए हैं। उन्होंने आपदा प्रबंधन से जुडे़ अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक निर्देश दिए। उपजिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने इलाकों में रहेंगे ताकि बारिश के चलते यदि कहीं आपदा आती है तो तत्काल राहत एवं बचाव कार्य शुरू हो सके।