हरिद्वार न्यूज़: पथरी क्षेत्र के कई ग्राम पंचायतों में सफाई अभियान ग्राम प्रधानों के लिए मुसीबत बन गया है. ग्राम पंचायत द्वारा सफाई के लिये ग्रामीणों पर लगाया गया शुल्क वसूलना मुश्किल हो रहा है. शुल्क नहीं मिलने के चलते ग्राम प्रधानों को सफाई कर्मचारियों के वेतन और कूड़ा वाहन में तेल का खर्च उठाना मुश्किल हो गया है.
ब्लाक बहादराबाद की ग्राम पंचायत कटारपुर अलीपुर, बिशनपुर, रानीमजरा, धनपुरा, फेरुपुर, नसिरपुर कला, पदार्था, शाहपुर, बादशाहपुर, टिकोला, धारिवाला, अम्बुवाला आदि कई ग्राम पंचायत में सफाई अभियान के लिए ग्रामीणों पर 20 से 30 रुपये प्रति माह का शुल्क लगाया गया था. कुछ दिन गांव में सफाई अभियान धड़ल्ले से चला और ग्रामीणों ने शुल्क के पैसे भी अदा किए. मगर यह अभियान अब ग्राम प्रधानों के लिए मुसीबत बन चुका है. ग्राम प्रधान द्वारा अगर गांव में सफाई अभियान चलाया जाता है तो सफाई कर्मचारियों के वेतन के लाले पड़ जाते हैं. वहीं, सफाई नहीं होती है तो ग्राम पंचायत द्वारा खरीदे गये ट्रैक्टर ट्राली और डस्टबिन में लगा पैसे खटाई में चला जाता है. पिछले कुछ महीने से ग्राम पंचायत को अधिकांश ग्रामीण शुल्क का पैसा नहीं दे रहे हैं. जिससे ग्राम प्रधान सफाई कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पा रहे हैं और न ही कूड़ा वाहन में तेल का खर्च उठा पा रहे है. वहीं, ग्राम प्रधान विजयता चौहान, पूजा चौहान, गुलनाज अंसारी, दीपक चौहान आदि का कहना है कुछ गांवों में साप्ताहिक पीठ लगती है, इसके अलावा अन्य गांव में पंचायत पर कमाई का कोई साधन नहीं है. पंचायत को सफाई के लिये बजट मिलना चाहिए. ग्राम पंचायत विकास अधिकारी सचिन चौहान का कहना है कि पंचायत में सफाई अभियान का शुल्क ग्रामीणों को देना होगा तभी सफाई संभव हो पाएगी.