मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वन दरोगा ऑनलाइन 2021 भर्ती की जांच कराने के दिए निर्देश

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जीरो टॉलरेंस आन करप्शन की नीति और नकल माफियाओं के विरुद्ध कठोर कार्रवाई के निर्देश के क्रम में रविवार को एक और बड़ी कार्रवाई हुई है। उन्होंने ऑनलाइन वन दरोगा भर्ती की जांच कराने के लिए राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को दिए गये निर्देश के बाद आज इसकी भी जांच विशेष कार्य बल (एसटीएफ) को सौंप दी है। इसके बाद इस मामले में मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है। एसटीएफ के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अजय सिंह ने यूनीवार्ता को बताया कि उपरोक्त निर्देशों के क्रम में उत्तराखंड एसटीएफ ने परीक्षा में धांधली की पुष्टि होने पर वन दरोगा ऑनलाइन 2021 परीक्षा में आज केस दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री धामी ने लगातार ज़ीरो टॉलरन्स ऑन करप्शन की नीति से कोई समझौता न करने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि भर्ती प्रक्रिया में यदि कोई अनियमितता है तो इसमें संलिप्त लोगों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी। कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा। अपने प्रदेश के ईमानदार और परिश्रमी युवाओं के साथ हमारी सरकार अन्याय नहीं होने देगी।
श्री सिंह ने बताया कि वन दरोगा के पदों पर भर्ती परीक्षा वर्ष 2021 में 16 से 25 सितम्बर के बीच 18 शिफ्टों में ऑनलाइन आयोजित हुई थी। जिसमें कुल 316 पदो के लिए रिक्तियां थी। उपरोक्त प्रकरण में अनियमितता और कुछ छात्रों द्वारा अनुचित साधनों के प्रयोग की जांच के बाद पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि इस प्रकरण में जांचोंपरांत साइबर थाना देहरादून पर आज मुकदमा अपराध संख्या: 22/22 धारा 420/120 बी भादवी,66 आई.टी. एक्ट और 3/5/6/9/10 उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा नकल निवारण अधिनियम की धाराओं में पंजीकृत किया गया है।
एसपी, एसटीएफ ने बताया कि इस प्रकरण में प्राथमिक रूप से कुछ छात्रों को चिन्हित भी कर लिया गया है और इसमें सम्मिलित कुछ नकल माफियाओं को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ भी चल रही है। उन्होंने बताया कि इस परीक्षा को कराने वाली एजेंसी मैसर्स एनएसईआईटी लिमिटेड की संलिप्तता होने के साक्ष्य प्राथमिक जांच से प्रकाश में आए है और साथ ही कुछ प्राइवेट इंस्टीट्यूट जहां पर परीक्षायें आयोजित हुई, उनको भी चिन्हित कर लिया गया है।
श्री सिंह ने बताया कि ऑनलाइन नकल माफिया गैंग में हरिद्वार देहात, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली के लोग प्राथमिक जांच में शामिल पाए जाने के संकेत मिले है। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन नकल परीक्षा गैंग में प्राइवेट इंस्टीट्यूट, जहा नकल के सेंटर थे, ऑनलाइन परीक्षा कराने वाली एजेंसी के कुछ लोग, कक्ष निरीक्षक व परीक्षा से जुड़े कुछ लोग जांच में संदिग्ध प्रकाश में आए है।
