मुख्यमंत्री धामी के एक्शन से नौकरशाही में खलबली, देवभूमि में पहली बार गिरफ्तार हुआ कोई IAS अफसर
देवभूमि उत्तराखंड न्यूज़: आईएएस रामविलास यादव आखिरकार गिरफ्तार हो गए। उन पर आय से अधिक संपत्ति रखने का आरोप है। उत्तराखंड के 22 साल के इतिहास में ये पहला मामला है, जब किसी आईएएस की गिरफ्तारी हुई है। इससे पहले तमाम आईएएस अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप तो लगे, तमाम एजेंसियों ने जांच भी की, लेकिन किसी आईएएस को पहली बार जेल भेजा गया है। अब आईएएस रामविलास यादव के बारे में भी बताते हैं। यूपी के जमाने से ही आईएएस रामविलास की राजनीतिक लोगों में खासी पैठ थी। वह अक्सर कहते थे कि उन पर कोई हाथ नहीं डाल सकता, लेकिन बुधवार को विजिलेंस दफ्तर में करीब 13 घंटे बाद चली पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। वो आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में ढाई साल के बाद विजिलेंस के सामने पेश हुए थे। विजिलेंस अधिकारियों का कहना है कि पूछताछ के दौरान भी उनकी अकड़ तनिक भी कम नहीं हुई। उन्होंने अफसरों के सवालों का कोई जवाब नहीं दिया। आईएएस रामविलास की पत्नी को भी वहां पर बुलाया गया लेकिन उन्होंने भी आने से इनकार कर दिया।
गुरुवार को सभी कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद यादव को साढ़े पांच बजे विजिलेंस कोर्ट में पेश किया गया। विजिलेंस की ओर से प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर न्यायालय ने यादव को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। अब सुद्धोवाला जेल आईएएस यादव का नया ठिकाना बना है। आईएएस रामविलास यादव की राजनीतिक लोगों के बीच ऊंची पहुंच है। उन्हें लगता था भ्रष्टाचार के मामले में उन पर कार्रवाई नहीं हो सकती, लेकिन साल 2017 में सरकार ने उनके खिलाफ जांच कराने की संस्तुति कर दी। ढाई साल बाद वो विजिलेंस के सामने पेश हुए, लेकिन सवालों के जवाब नहीं दिए। बात करने की कोशिश की गई तो अकड़ में बोले कि हम कुछ नहीं बोलेंगे। गुरुवार को कोर्ट में आते वक्त भी उनके चेहरे पर शिकन तक नहीं थी। इस मामले में डायरेक्टर विजिलेंस अमित सिन्हा ने बताया कि आईएएस यादव ने किसी सवाल का जवाब नहीं दिया। पूछताछ के लिए विजिलेंस IAS Ram Vilas Yadav की पुलिस कस्टडी रिमांड (पीसीआर) भी मांगेगी। इसके लिए न्यायालय में बाद में प्रार्थनापत्र दिया जाएगा।