उत्तराखंड

सात करोड़ की बैंक ओडी के नाम पर 37 लाख की ठगी

Admin Delhi 1
19 Jan 2023 12:46 PM GMT
सात करोड़ की बैंक ओडी के नाम पर 37 लाख की ठगी
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हल्द्वानी: सात करोड़ की बैंक ओडी लिमिट के नाम पर एक महिला 37 लाख रुपये गवां बैठी। महिला को जाल में फंसाने के लिए जालसाज ने उसके सामने बैंक का जोनल मैनेजर तक खड़ा कर दिया। जालसाज महिला से 55 लाख रुपये ऐंठना चाहता था, लेकिन उससे पहले ही उसका भांडा फूट गया। मामले में केस दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

कोतवाली क्षेत्र में रहने वाली महिला ने पुलिस को दी तहरीर में कहाकि वह लोन लेना चाहती थी और इसका जिक्र उन्होंने वर्ष 2021 में एक मित्र से किया। मित्र ने फोन पर रामकिशन नाम के व्यक्ति से बात कराई। रामकिशन ने महिला को बैंक आँफ बड़ौदा से 7 करोड़ रुपये की ओडी लिमिट बनाने का भरोसा दिया और कहाकि इसमें 55 लाख रुपये खर्च होंगे।

रामकिशन के कहने पर महिला ने मनोज कुमार नाम के व्यक्ति के अंकाउट में एक लाख आठ हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। फिर रामकिशन ने फोन पर संजय कुमार उर्फ संदीप नाम के व्यक्ति से कराई और बताया कि संजय बैंक ऑफ बड़ौदा बरेली में बैंक मैनेजर है। कुछ समय बाद संजय अपने साथ राकेश कुमार नाम के व्यक्ति को लेकर पहुंचा और राकेश का परिचय जोनल मैनेजर के रूप में दिया। दोनों विजिट चार्ज के नाम पर महिला से 42 हजार रुपये ले गए। फिर अलग-अलग कामों के लिए तीन लाख 12 हजार रुपये और लिए।

इस तरह जालसाजों ने 37 लाख रुपये से ज्यादा ऐंठ लिए। जिसके बाद आरोपियों ने महिला का फोन उठाना बंद कर दिया और एक वर्ष गुजर गए। अब पुलिस ने महिला की तहरीर पर संजय कुमार उर्फ संदीप, राकेश कुमार, रिंकू सोंलकी अमित, दीपक गुप्ता, आशा देवी पत्नी संजय कुमार और देवेश सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

न लिंक क्लिक किया, न ओटीपी शेयर किया और कट गए एक लाख

हल्द्वानी। कोतवाली क्षेत्र से जालसाजी का एक और मामला सामने आया है। गोविंदपुरा निवासी गुरप्रीत कौर ने पुलिस को बताया कि बीती दो जनवरी को उनके बैंक खाते से 99,950 रुपये की ठगी हुई थी। उन्होंने खाता उसी दिन बंद करा दिया और नया डेबिट कार्ड लिया। इस डेबिट कार्ड को गुरप्रीत ने बैंक से एक्टिवेट कराया, लेकिन 16 जनवरी की रात उनके खाते से फिर 99,100 रुपये कट गए। गुरप्रीत कौर का कहना है कि न उन्होंने किसी के साथ यूपीआई आईडी शेयर की और न उन्हें कोई फोन आया। न फोन पर कोई भी ऐप इस्तेमाल नहीं किया और न ही किसी से ओटीपी शेयर की। जांच में सामने आया कि जिस खाते में पैसे ट्रांसफर हुए हैं वह खाता केनरा बैंक का है और नूरानी परवीन के नाम पर है।

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