उत्तराखंड

चारधाम यात्रा: पर्यटकों के लिए ट्रेनो में सीटों का संकट, वेटिंग लिस्ट का आंकड़ा भी 200 के पार, यात्रा से पहले जान लें हाल

jantaserishta.com
23 May 2022 1:24 PM GMT
चारधाम यात्रा: पर्यटकों के लिए ट्रेनो में सीटों का संकट, वेटिंग लिस्ट का आंकड़ा भी 200 के पार, यात्रा से पहले जान लें हाल
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देहरादून: चारधाम यात्रा और पर्यटन सीजन के चलते महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु आदि राज्यों से आने-जाने वाले तीर्थयात्रियों के साथ ही पर्यटकों के लिए भी ट्रेनों में सीटों का संकट खड़ा हो गया है। देहरादून से संचालित ट्रेनों में एक भी सीट खाली नहीं है। कई ट्रेनों में तो आरक्षण प्रतीक्षा सूची का आंकड़ा 200 पार हो चुका है।

ट्रेनों में सीट न होने से यात्रियों को दिक्कतें आ रही हैं। उधर, कई सामाजिक संगठनों ने रेलवे बोर्ड और उत्तर रेलवे से तीर्थयात्रियों की भीड़ को देखते हुए देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश से अतिरिक्त ट्रेन संचालित करने की मांग की है। साथ ही इन स्टेशनों से रवाना होने वाली ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगाए जाने की भी मांग उठाई है।
रेल अफसरों के मुताबिक, देहरादून-हावड़ा उपासना एक्सप्रेस के स्लीपर में जहां प्रतीक्षा सूची 100 के पार है, वहीं प्रथम श्रेणी वातानुकूलित, तृतीय श्रेणी वातानुकूलित कोच में प्रतीक्षा सूची 45 है। यही स्थिति देहरादून-इंदौर एक्सप्रेस में भी है। स्लीपर में प्रतीक्षा सूची 70 और तृतीय श्रेणी वातानुकूलित कोच की प्रतीक्षा सूची 68 के आसपास है। देहरादून-कोटा नंदा देवी एक्सप्रेस, देहरादून-दिल्ली मसूरी एक्सप्रेस, देहरादून-नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस में सीटों को लेकर मारामारी है।
सबसे ज्यादा दिक्कत देहरादून से यूपी, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल जाने वाली ट्रेन में है। देहरादून-मुजफ्फरनगर राप्ती गंगा एक्सप्रेस के स्लीपर कोच में जहां प्रतीक्षा सूची 195 है, वहीं भारी भीड़ के चलते देहरादून-नई दिल्ली जन शताब्दी एक्सप्रेस में भी सीटें नहीं मिल रही है।
उधर, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संगठन संगम ट्रस्ट के अध्यक्ष राजेश तिवारी और पूर्वा सांस्कृतिक मंच के संस्थापक सचिव सुभाष झा ने रेलवे बोर्ड और उत्तर रेलवे के अफसरों से चारधाम यात्रा के चलते देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश जैसे रेलवे स्टेशनों से अधिक ट्रेनें संचालित करने के साथ ही संचालित ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगाने की मांग की। ताकि तीर्थयात्रियों के साथ ही पर्यटकों को भी आवाजाही में दिक्कत न हो।
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