उत्तराखंड

चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड: उच्च स्तरीय समिति में चारधामों से 9 सदस्य नामित, आदेश जारी

Kunti Dhruw
30 Oct 2021 5:55 PM GMT
चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड: उच्च स्तरीय समिति में चारधामों से 9 सदस्य नामित, आदेश जारी
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चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को लेकर गठित उच्च स्तरीय समिति में चारधामों से नौ सदस्य नामित किए गए हैं।

चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को लेकर गठित उच्च स्तरीय समिति में चारधामों से नौ सदस्य नामित किए गए हैं। सचिव धर्मस्व हरिचंद्र सेमवाल ने नामित सदस्यों के आदेश जारी किए हैं। तीर्थ पुरोहितों की देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग पर सरकार ने पूर्व राज्य सभा सांसद मनोहर कांत ध्यानी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था।

इस समिति में चारधामों से तीर्थ पुरोहितों को सदस्य नामित करने का फैसला लिया था। जिसके बाद शासन ने समिति में नौ सदस्य नामित करने के शासनादेश जारी किए हैं। बदरीनाथ धाम से विजय कुमार ध्यानी, संजय शास्त्री, रवींद्र पुजारी, केदारनाथ से विनोद शुक्ला, लक्ष्मी नारायण, गंगोत्री धाम से संजीव सेमवाल, रवींद्र सेमवाल और यमुनोत्री धाम से पुरुषोत्तम उनियाल, राजस्वरूप उनियाल को सदस्य नामित किया गया। 25 अक्तूबर को समिति के अध्यक्ष मनोहर कांत ध्यानी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को देवस्थानम बोर्ड पर अंतरिम रिपोर्ट सौंपी है।
देवस्थानम बोर्ड पर सबकी राय से फैसला लेगी सरकार : सीएम
इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि चारधाम देवस्थानम बोर्ड पर उच्च स्तरीय समिति अभी पहली रिपोर्ट दी है। अंतिम रिपोर्ट आने के बाद सरकार परीक्षण करेगी। जो सबकी राय होगी। उसके आधार पर सरकार फैसला लेगी। केदारपुरी में प्रधानमंत्री मोदी पांच नवंबर को पुनर्निर्माण के दूसरे चरण में 150 करोड़ के प्रस्तावित कार्यों का शिलान्यास करेंगे। साथ ही पहले चरण में किए गए कार्यों का लोकार्पण करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि बदरीनाथ धाम को स्प्रिच्युअल स्मार्ट सिटी के लिए विकसित करने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। मास्टर प्लान पर सभी लोगों से बातचीत कर सर्वमान्य रास्ता निकाला जाएगा। चारधाम देवस्थानम बोर्ड पर सीएम ने कहा कि सभी पक्षों की बात सुनने के लिए पूर्व सांसद मनोहर कांत ध्यानी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गई। जिसमें तीर्थ पुरोहितों को शामिल किया।
समिति अपना काम कर रही है। समिति ने पहली रिपोर्ट सरकार को दी है। अंतिम रिपोर्ट आने पर सरकार उसका परीक्षण करेगी। साथ ही कैबिनेट में भी रिपोर्ट पर विचार विमर्श किया जाएगा। जो सबकी राय होगी। उस पर सरकार फैसला लेगी।
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