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नई दिल्ली। केंद्र ने मंगलवार को उत्तराखंड में हिमालय की पहाड़ियों में बसे और धीरे-धीरे धंस रहे जोशीमठ शहर में सूक्ष्म भूकंपीय निगरानी प्रणाली स्थापित करने की घोषणा की। पृथ्वी विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह ने यह घोषणा यहां आयोजित भूविज्ञान पर भारत- ब्रिटेन कार्यशाला में की। उन्होंने कहा कि यह निगरानी प्रणाली बुधवार को स्थापित कर दी जाएगी। कार्यशाला को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि पृथ्वी की कमजोर ऊपरी परत और उप परत के धंसने की भौतिक प्रक्रिया को समझने के लिए मूलभूत अनुसंधान की बहुत जरूरत है। उन्होंने रेखांकित किया कि भारत में मानव पर प्राकृतिक आपदाओं का असर तेजी से बढ़ रहा है और इसका सामना करने के लिए उचित रणनीति बनाने की जरूरत है।
सिंह ने कहा कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने गत दो साल में 37 नए भूकंप केंद्र बनाए हैं जिससे गहन निगरानी व्यवस्था स्थापित की जा सके और वृहद डाटा एकत्र किया जा सके ताकि परिणाम उन्मुख विश्लेषण संभव हो। उन्होंने कहा कि अगले पांच साल में 100 ऐसे और भूकंप केंद्र पूरे देश में खोले जाएंगे ताकि वास्तविक समय में निगरानी और डाटा संकलन किया जा सके।
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