एम्स में सीबीआई टीम पहुंचने से कर्मचारियों में हड़कंप
ऋषिकेश न्यूज़: ऋषिकेश एम्स में सीबीआई टीम पहुंचने से हड़कंच मच गया. अफसर और कर्मचारी इस बारे में कुछ भी बोलने से बच रहे थे. वहीं सीबीआई टीम ने अनियमितता और भर्ती घपले को लेकर दस्तावेज खंगाले और पूछताछ की. तीन दिन तक टीम वहीं जांच कर जानकारियां जुटाएगी.
स्वास्थ्य सेवाओं में अग्रणी ऋषिकेश का अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान विवादों से गहरा नाता रहा है. बीते साल 3 फरवरी को सीबीबाई के छापेमारी के बाद भर्ती एवं उपकरण खरीद को लेकर संस्थान चर्चाओं में आया. एम्स का मुद्दा राज्यसभा और संसद में भी गूंजा. विवादों पर लगाम न लगाने से एम्स की छवि धूमिल पड़ती जा रही है.
एम्स में जैसे-जैसे स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार होता रहा, वैसे-वैसे संस्थान को विवादों ने भी अपने घेरे में लेना शुरू कर दिया. 2017 में पहले 26 दिन और वर्ष 2018 में 279 दिन तक लंबा आंदोलन चला. जिसमें स्थानीय लोगों की भर्ती में उपेक्षा को लेकर ऋषिकेश के लोगों ने आंदोलन चलाया. इसके बाद से ही एम्स पर अनियमितताओं का दौर शुरू हो गया. कभी भर्ती, उपकरण खरीद तो कभी निर्माण कार्य में अनियमितता के आरोप लगने शुरू हो गये. इसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय में शिकायतों का दौर भी शुरू हो गया. करीब चार साल बाद 3 फरवरी 2022 को सीबीआई की टीम ने पांच दिन तक छापेमारी की. इसके करीब 75 दिन बाद 22 अप्रैल को सीबीआई ने मुकदमा भी दर्ज किया. इसके बाद टीम कई बार गुप्त तरीके से जांच को एम्स आई. खास बात यह है कि दो साल पहले एम्स में गुटबाजी के चलते विवाद उजागर होने शुरू हो गये. नर्सिंग भर्ती में राजस्थान के 600 लोगों को भर्ती करने का मामला में खूब छाया रहा. एम्स में नर्सिंग ऑफिसर के दो हजार पद हैं. जिनमें एक हजार पदों पर स्थाई कर्मचारी काम कर रहे हैं. जबकि 600 पदों पर आउटसोर्स कर्मचारी काम कर रहे हैं. एम्स निदेशक प्रोफसर मीनू सिंह का कहना है कि एम्स में पुराने मामलों में सीबीआई जांच को आई है.