राजपाल हत्याकांड में भाई-भतीजों पर केस, पुलिस ने चार टीमें की गठित
हरिद्वार न्यूज़: बहादराबाद के राजपाल हत्याकांड के मामले में पुलिस ने राजपाल के भाई और दो भतीजों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है. घटना के बाद से ही तीनों आरोपी फरार हैं.
पुलिस ने हत्यारोपी की पत्नी को पूछताछ के लिए पड़ोसी के मकान से हिरासत में लिया है. हत्या के खुलासे को बहादराबाद थाना स्तर से अलग-अलग चार टीमें गठित की गई हैं. चारों टीमें सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, हरिद्वार में लगातार दबिश दे रही है.
मृतक किसान राजपाल के बेटे मोंटी ने पुलिस को दी शिकायत में कहा कि सुबह करीब आठ बजे उसके पिता घर से बेगमपुर स्थित अपने खेत में काम करने के लिए निकले थे. शाम तक वापस नहीं आये तो परिजनों ने उनके फोन पर संपर्क किया. फोन पर लगातार घंटी जा रही थी. लेकिन फोन नहीं उठाया. तलाश शुरू की तो रात को बेटे वंश ने खेत पर जाकर देखा तो उसके पिता का अधजला शव पड़ा था. दोनों हाथ आधे-आधे कटे हुए थे. शरीर पर कई जगह कटने के निशान थे. शरीर के कुछ हिस्से को संभवत पेट्रोल डालकर जलाया गया था. पुलिस ने खून से लथपथ एक कुदाल और खुरपा भी बरामद किया है.
आरोप है कि चाचा बालचंद के साथ उनका जमीन को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा है. आरोपी बाल सिंह ने दो साल पहले भी उसके पिता पर हमला किया था. थाना प्रभारी अनिल चौहान ने कहा कि मोंटी ने बालचंद पुत्र अतरू, कपिल और संदेश पुत्र बालचंद पर हत्या का आरोप लगाया है. जिनके खिलाफ हत्या (302 आईपीसी) का केस दर्ज किया है.
तो फावड़े से काटे हाथ
बालचंद के शरीर पर कई जगह फावड़े के निशान मिले हैं. पुलिस संदेह जता रही है कि कहीं फावड़े से उसके हाथ तो नहीं काटे गए. इसके बाद पेट्रोल डालकर आग लगा दी और मौके से भाग गए. जब मृतक का पोता वंश खेत में पहुंचा तब मामले का पता चला.
आसपास का गन्ना भी टूटा मिला
जिस जगह गन्ने के खेत में राजयपाल का शव मिला है, वहां पर काफी दूर तक गन्ना टूटा हुआ था. लोगों के पैरों के निशान हैं और मिट्टी भी इधर-उधर बिखरी पड़ी है. पुलिस जांच कर रही है.
सिंचाई विभाग की है जमीन
जिस जमीन को लेकर दोनों भाइयों में विवाद था वह सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश की बताई गई है. मृतक के बेटे मोंटी ने बताया कि विभाग ने यह भूमि किसानों को फसल उगाकर भरण पोषण करने के लिए दी थी. उधर उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के जिलेदार मुकेश शर्मा ने बताया कि सिंचाई विभाग की वहां काफी जमीन है. इस भूमि पर काबिज किसानों को विभाग की तरफ से समय-समय पर नोटिस जारी कर भूमि को कब्जा मुक्त करने की अपील की जाती है. हालांकि जांच के बाद स्पष्ट होगा की जमीन किसकी है.